छात्रसंघ चुनाव में वाम-दलित-मुस्लिम गठजोड़ का दिखा जादू, ASJ ने किया क्लीन स्वीप

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में हार के बाद अब हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को तगड़ा झटका लगा है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में सामाजिक न्याय के नाम पर एकजुट हुए चार छात्र संगठनों के गठबंधन ASJ (एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस) ने गुरुवार को हुए चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव, खेल सचिव और सांस्कृतिक सचिव के पद पर कब्जा कर लिया है। छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और कांग्रेस के छात्र गगठन एनएसयूआई को हार का मुंह देखना पड़ा है। उपाध्यक्ष पद के लिए जीते उम्मीदवार को अमान्य करार दिये जाने के बाद छात्रों के विरोध के चलते चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। छात्रसंघ पदाधिकारियों के निर्वाचन में 75 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया।
श्रीराग पी. छात्र संघ के नए अध्यक्ष
दलित अस्मिता को लेकर भारी हंगामे के बीच हुए छात्रसंघ चुनाव में क्षेत्रीय अध्ययन विभाग में शोध छात्र श्रीराग पोईकादन छात्र संघ के नए अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। श्रीराग ने ABVP-ओबीसीए गठबंधन के उम्मीदवार के. पलसानिया और एनएसयूआई की अंजू राव को सम्मानजनक अंतर से पराजित किया। आरिफ अहमद को महासचिव चुना गया है।
उपाध्यक्ष पद पर चुनाव स्थगित
उपस्थिति कम होने की वजह से उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने वाले प्रत्याशी का चुनाव रद्द कर दिया गया। चुनाव रद्द किए जाने के बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया। छात्रों के भारी दबाव के बीच चुनाव अधिकारियों ने उक्त प्रत्याशी को निर्वाचित नहीं घोषित किया। इसके बाद प्रत्याशी के समर्थक विश्वविद्यालय परिसर में देर तक हंगामा करते रहे। ASJ प्रत्याशी को विजयी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। हालांकि इस पद के लिए प्रत्याशी के जीत की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
क्या है ASJ
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), अम्बेडकर छात्र संघ (एएसयू), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन (डीएसयू) और ट्राइबल स्टूडेंट फोरम(ट्राइबल स्टूडेंट फोरम) के गठबंधन का नाम है ASJ यानी एसोसिएशन आफ सोशल जस्टिस। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद पैदा हुई दलित एकजुटता की छाया में हुए इस छात्रसंघ चुनाव में छात्रों ने सभी प्रत्याशियों को सिरे से नकारते हुए ASJ प्रत्याशियों का खुलकर समर्थन किया।
वेमुला की आत्महत्या से शुरू हुआ दलित विमर्श
हैदराबाद यूनिवर्सिटी पिछले साल उस समय सुर्खियों में आई थी, जब पिछले साल हास्टल से निकाले जाने के बाद रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी। रोहित वेमुला आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसयू) से जुड़े थे। बंडारू दत्तात्रेय ने इस संगठन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए कार्रवाई लिए शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी। आरोप है कि इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया था। हॉस्टल से निकाले गए सभी छात्र आंबेडर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य थे। रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे। छात्रसंघ चुनाव भी पूरी तरह इसी के प्रभाव में संपन्न हुआ।
ABVP का "डिब्बागोल"
इससे पहले 13 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद कब्जा जमाकर ABVP को झटका दिया था। वहीं राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में भी ABVP और एनएसयूआई छात्र संगठनों को बड़ा झटका लगा था। यहां निर्दलीय उम्मीदवार पवन यादव ने ABVP और एनएसयूआई प्रत्याशियों को शिकस्त देते हुए विजय हासिल की थी। कुछ दिनों पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए छात्रसंघ चुनाव में भी ABVP को भारी निराशा का सामना करना पड़ा था।
किसको कितने मिले वोट
अध्यक्ष : ASJ-1509, ABVP-1348, एनएसयूआई-872, नोटा-92, अवैध घोषित किए-02।
उपाध्यक्ष : ASJ-1884, ABVP-1624, नोटा-284, अवैध घोषित किए-54।
महासचिव : ASJ-1984, ABVP-1573, नोटा-249, अवैध घोषित हुए-49।
Created On :   23 Sept 2017 7:39 PM IST