अमेरिकी दूतावास के बाहर लगाए गए पोस्टर, लिखा 'अमेरिका को ही चीन के खिलाफ भारत की जरुरत', अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई FIR

Unknown people put up posters outside the US Embassy, wrote America only needs India against China
अमेरिकी दूतावास के बाहर लगाए गए पोस्टर, लिखा 'अमेरिका को ही चीन के खिलाफ भारत की जरुरत', अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई FIR
अमेरिकी चेतावनी का जवाब! अमेरिकी दूतावास के बाहर लगाए गए पोस्टर, लिखा 'अमेरिका को ही चीन के खिलाफ भारत की जरुरत', अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई FIR
हाईलाइट
  • पुलिस अब दोषियों को पकड़ने के लिए सर्विलांस की मदद ले रही है।

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।  यूक्रेन और रूस के बीच लगातार जंग जारी है। इस जंग को शुरू हुए एक माह से अधिक हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के बाद से ही अमेरिका सहित कई देशों  ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत उन देशों में शामिल है जो इस समय तटस्थ है। भारत ने दोनों ही देशों से कहा है कि वह बातचीत के माध्यम से ही इस समस्या का हल निकाले। भारत का तटस्थ होना शायद अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। वहीं भारत दौरे पर आए रूसी विदेश मंत्री ने भारत को लेकर दावा किया है कि भारत यूक्रेन और रूस के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

 लेकिन इसी बीच दिल्ली में अराजक तत्वों  ने अमेरिकी दूतावास के बाहर अमेरिका के विरोध में पोस्टर चिपकाया। पोस्टर में लिखा था कि अमेरिका भारत को धमकी देना बंद करे। इसके साथ ही पोस्टर में कहा गया है कि भारत को अमेरिका की जरूरत नहीं है। बल्कि अमेरिका को ही चीन के खिलाफ भारत की आवश्कता है। 

इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को रात करीब 10 बजे के बाद उनको सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने अमेरिकी दूतावास के बाहर कुछ पोस्टर लगाया गया है। पुलिस ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए  दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।  पुलिस अब  दोषियों को पकड़ने के लिए सर्विलांस की मदद ले रही है।

बता दें इस घटना के एक दिन पहले ही अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में रूस को लेकर भारत के रवैये पर चेतावनी दी थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा थी कि रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले देशों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

हालांकि अमेरिकी डिप्टी एनएसए का बयान  आने के बाद  यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरूद्दीन की आलोचना करते हुए तुरंत  ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा कि ये कूटनीत की भाषा नहीं है, यह जबरदस्ती की भाषा है,कोई इन्हें बताए की एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। 
 

Created On :   2 April 2022 12:57 PM IST

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