उन्नाव गैंगरेप केस: CBI करेगी जांच, केंद्र की मंजूरी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वस्टिगेशन (CBI) करेगी। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र सरकार से इस मामले की CBI जांच की शिफारिश की थी। जिसके बाद गुरुवार को केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। बता दें की रेप का आरोप बांगरमऊ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा है। मीडिया के दबाव के बाद मामले में FIR तो दर्ज कर ली गई, लेकिन अब तक विधायक को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
PMO के सीधे दखल के बाद CBI जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के सीधे दखल के बाद मामले की जांच CBI को सौंपी गई है। वैसे तो सीबीआई को केस सौंपे जाने के लिए इंतजार करना पड़ता है लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय से सीबीआई जांच का तत्काल आदेश दिया गया। सीबीआई जांच के लिए गुरुवार शाम डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
पॉक्सो एक्ट के बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
मीडिया में मामला आने के बाद योगी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। इन सबके बाद मामले की सीबीआई जांच को अनुमति दी गई है। यहां हैरानी वाली बात ये भी है कि 260 दिन बाद आरोपी MLA के खिलाफ दबाव में आकर केस दर्ज किया गया। FIR में किडनैपिंग और रेप की धाराओं के साथ साथ पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि संगीन आरोपों के बाद भी विधायक की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई?
हाईकोर्ट की फटकार
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव गैंगरेप केस पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार से पूछा था- एक घंटे में बताएं आरोपी बीजेपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं? जिसके जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि "अभी बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जब कोई सबूत होगा तो गिरफ्तारी होगी।" इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि "इसी तरह के बाकी मामलों में भी क्या सबूतों का इंतजार करते हैं?"
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रविवार को एक महिला ने मीडिया को बताया था कि "मेरे साथ बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने साथियों के साथ मिलकर करीब एक साल पहले रेप किया था। न्याय के लिए हर जगह दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।" पीड़िता ने बताया था कि वो सीएम योगी आदित्यनाथ के पास भी गई थी, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। इतना ही नहीं जब उन्होंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही तो उन्हें धमकाया गया। जिसके बाद पीड़िता ने परिवार के साथ सीएम हाउस के सामने खुदकुशी की कोशिश की। इस मामले में पुलिस कस्टडी में पीड़िता के पिता की भी मौत हो चुकी है।
Created On :   12 April 2018 11:58 PM IST