उन्नाव रेप केस: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे आरोपों की CBI ने की पुष्टि
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उन्नाव रेप केस में सीबीआई ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे आरोपों की पुष्टि कर दी है। सीबीआई के मुताबिक शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुलदीप के घर लाई थी। सीबीआई इस केस में स्थानीय पुलिस की भूमिका की भी जांच कर रही है। वहीं इस केस में एक नया मोड़ आ गया है, कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपों से बरी कराने के नाम पर दो युवकों ने उनकी पत्नी से एक करोड़ रुपये मांगे हैं। आरोपितों ने सीबीआई से डील कराने का झांसा देकर कई बार फोन पर बातचीत की। शक होने पर घरवालों ने इसकी शिकायत गाजीपुर थाने में की। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने FIR में छिपाया विधायक का नाम
सीबीआई ने पीड़िता द्वारा लगाए गए उन आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा है कि पिछले साल 4 जून को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। जबकि उस दौरान उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा दे रही थी। घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने 20 जून को दर्ज एफआईआर में विधायक और अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं किये।
मेडिकल जांच में भी हुई देरी
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच में भी देरी की और पीड़िता के वजाइनल स्वैब और कपड़ों को फॉरेंसिक लैब नहीं भेजा। उन्होंने कहा, "यह सबकुछ जानबूझकर और आरोपियों की मिलीभगत से किया गया।" बता दें कि सेंगर, शशि सिंह और अन्य आरोपियों को सीबीआई ने इस साल 13-14 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था।
सीबीआई ने उनसे पूछताछ की है और साथ ही यह विधायक के साथ पुलिस की सांठगांठ का भी पता लगा रही है। यूपी सरकार ने इस मामले की देश भर में कड़ी आलोचना किए जाने के बाद जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने खुलासा किया कि 4 और 10 जून के बीच लड़की कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे धमकी दी गई थी। 11 जून को उसका तीन लोगों शुभम सिंह, अवध नारायण और ब्रिजेश यादव ने अपहरण कर लिया। 11 से 19 जून तक लड़की ज्यादातर एसयूवी में घूमती रही और उसके साथ चलती गाड़ी में तीनों लगातार रेप करते रहे।"
सीबीआई ने कहा कि यूपी पुलिस का दावा सही था कि 20 जून के एफआईआर में विधायक और शशि सिंह का नाम शामिल नहीं था, लेकिन जो बात इसमें छुपाई गई वह यह की पीड़िता की शिकायत को यूपी पुलिस ने कमजोर कर दिया।
सीतापुर जेल भेजे गए बीजेपी विधायक
बता दें कि इस केस में यूपी पुलिस ने तब कार्रवाई की जब राज्य के डीजीपी ओ.पी.सिंह ने डीएसपी, स्थानीय एसएचओ और चार अन्य कॉन्स्टेबल को निलंबित करने की घोषणा की। सीबीआई डीएसपी, एसएचओ और पुलिस थाने में मौजूद अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। विधायक कुलदीप को हाल ही में सीतापुर जेल भेजा गया है। पीड़िता की तरफ से बीजेपी विधायक को उन्नाव जेल से शिफ्ट करने के लिए हाई कोर्ट में भी अपील दायर की गई थी। हाई कोर्ट में अभी अपील पेंडिंग है, लेकिन उससे पहले ही प्रशासन ने कुलदीप को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया।
Created On :   11 May 2018 7:29 AM IST