आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने वाले ATS के एएसपी ने खुद को मारी गोली
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस के एडिशनल एसपी राजेश साहनी की मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सर्विस पिस्टल से गोली मारकर खुदखुशी की है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिस कारण खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका हैं। फिलहाल पुलिस खुदकुशी के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। बता दें कि एटीएस में रहते हुए साहनी ने आतंकियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन को लीड किया था।
जमीन पर पड़े थे ASP
ये घटना मंगलवार दोपहर करीब एक बजे की है। जानकारी के मुताबिक, ASP राजेश साहनी लखनऊ के गोमती नगर स्थित एटीएस मुख्यालय के मंदिर में थे। तभी उन्होंने अपने ड्राइवर से अपनी सरकारी पिस्टल मंगाई। इसके कुछ देर बाद उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस टीम एटीएस मुख्यालय स्थित मंदिर में पहुंची तो वे जमीन पर पड़े मिले और सिर में गोली लगी थी। उन्होंने आत्महत्या क्यों की यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।
Rajesh Sahni Addl SP ATS committed suicide by shooting himself on the temple at 1245 hrs in his office with an official weapon. The reason for suicide is being ascertained: Anand Kumar, ADG, Law and Order
— ANI UP (@ANINewsUP) May 29, 2018
डीजीपी ने जताया दुख
यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने इस मामले पर कहा, "हमे बताते हुए अत्यधिक कष्ट हो रहा है कि राजेश साहनी (ASP ATS) नहीं रहे। वह यूपी पुलिस के सबसे काबिल ऑफिसर्स में से एक थे। उनकी आत्महत्या के कारणों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। हमारी प्रार्थना उनके परिवार के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
It gives us immense grief to communicate the unfortunate demise of Rajesh Sahni, Adl SP ATS. He was one of the most promising officers of UP Police . The reasons of his suicide are still being ascertained .
— DGP UP (@dgpup) May 29, 2018
Our prayers with the family. May his soul rest in peace pic.twitter.com/wijPbHb5Kx
तेज तर्रार ऑफिसर्स में शुमार थे राजेश
1969 में जन्मे राजेश साहनी मूलतः बिहार के पटना के रहने वाले थे। उन्होंने एमए राजनीति शास्त्र से किया था। राजेश साहनी साल 1992 में पुलिस सेवा में आए थे। 2013 में वह एडिशनल एसपी के पद पर प्रमोट हुए थे। वह 2014 से एटीएस के साथ काम कर रहे थे। राजेश साहनी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती थी। उन्होंने कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही में 23 मई, 2018 को साहनी ने उत्तराखंड मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था।
Created On :   29 May 2018 5:08 PM IST