उप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में विकास दुबे पर गोलियां चलाईं

UP government told Supreme Court: Policemen opened fire on Vikas Dubey in self-defense
उप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में विकास दुबे पर गोलियां चलाईं
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नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि यूपी पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा भागने का प्रयास करने के बाद आत्मरक्षा में उस पर गोलियां चलाई थीं और यह मामला हैदराबाद मुठभेड़ मामले से बिल्कुल अलग है।

एक हलफनामे में, यूपी सरकार ने कहा, वर्तमान मामले के तथ्य हैदराबाद में घटी एक घटना में उभरे तथ्यों से पूरी तरह से अलग हैं। राज्य सरकार ने चार-पॉइंट चार्ट के माध्यम से हैदराबाद मुठभेड़ मामले और दुबे एनकाउंटर मामले के बीच के अंतर को दर्शाया।

15 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि वह दुबे और उसके साथियों की हत्या की जांच के लिए एक समिति नियुक्त कर सकती है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने तीन न्यायाधीशों की पीठ की अगुवाई करते हुए कहा था, हम आपको बताएंगे कि हम क्या करने जा रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जो हम हैदराबाद मामले में पहले ही कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था।

हलफनामे में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने न्यायिक आयोग की नियुक्ति का जवाब नहीं दिया है, लेकिन कानपुर की घटना में यूपी सरकार ने घटना के कुछ दिनों के भीतर न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। हलफनामे में कहा गया, कानपुर की घटना में यूपी राज्य ने घटना के पीछे के अपराधियों और अन्य व्यक्तियों के साथ उनके संबंध के बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए विशेष जांच दल का भी गठन किया है।

यूपी सरकार के अनुसार, दुबे का मकसद न केवल भागना था, बल्कि पुलिसवालों को मारने के साथ-साथ लोगों व पुलिसवालों के मन में दहशत पैदा करना भी था। हलफनामे में कहा गया कि विकास दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों ने गोली मारकर हत्या करने के बाद सर्कल ऑफिसर का पैर भी बेरहमी से काट दिया था। पुलिस पार्टी पर सभी गोलियां पॉइंट-ब्लैंक रेंज से चलाई गई थीं।

जेसीबी के इस्तेमाल को सही ठहराते हुए, यूपी सरकार ने कहा कि पुलिस टीम ने उसके (दुबे) घर पर छापा मारा और उसमें बड़ी संख्या में घातक हथियार, कारतूस, बम, विस्फोटक आदि पाए गए जो घर की दीवारों के अंदर, फर्श, सीलिंग की दरारों में थे। घर की खोखली दीवारों से हथियारों और विस्फोटकों को निकालने की प्रक्रिया में, दीवारों की भार वहन क्षमता कम हो गई। आगे की बरामदगी के लिए भवन असुरक्षित हो गया। इसलिए जेसीबी मशीन का उपयोग हथिारों की आगे की बरामदगी के लिए किया गया। बरामदगी के दौरान इमारत का कुछ हिस्सा ढह गया।

यूपी सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दुबे ने अपने गिरोह के 90 अपराधियों का इस्तेमाल कर 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी और फिर उनके पार्थिव शरीरों को क्षत-विक्षत कर दिया।

Created On :   17 July 2020 6:30 PM IST

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