अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस ने मोदी और निर्मला सीतारमण से की मुलाकात

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। तीन दिवसीय भारत दौरे पर अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस सोमवार को दिल्ली पहुंचे। उनका स्वागत रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने बैठक में अपने साझा बयान पेश किए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ने की बात कही। अपने इस दौरे में मैटिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात की है। मैटिस कैबिनेट रैंक के ऐसे पहले अधिकारी हैं, जो ट्रंप के शासन के बाद भारत की यात्रा पर आए हैं।
The quintessential handshake before the meeting b/w delegations led by Smt @nsitharaman and US #SecDef James Mattis respectively commences pic.twitter.com/CnUE3Pzurn
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) September 26, 2017
आतंकवाद का खौफ पूरी दुनिया पर
अमेरिकी रक्षामंत्री ने कहा कि आज आतंकवाद का खौफ पूरी दुनिया पर है। भारत ने जिस तरह से अफगानिस्तान में अपना अमूल्य योगदान दिया वो काफी सराहनीय था। हम आशा करते हैं की आगे भी ऐसा जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि, भारत के साथ हमारा संबंध अन्य देशों के लिए कोई अपवाद नहीं है। आज कोई भी देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए और एकजुट होने के लिए इसके विपरीत नहीं जाएगा। मैटिस ने कहा भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के वजह से बहुत कुछ खोया है। इसलिए हम इसके खात्मे के लिए एकजुट हो रहे हैं।
#SecDef Mattis pays homage at India Gate - India"s WWI memorial. #USIndiaDefense @DefenceMinIndia @adgpi pic.twitter.com/aDH8q5pU9y
— MaryKay Loss Carlson (@USAmbIndia) September 26, 2017
- मैटिस ने दोनों देशों के सामरिक संबंधों को और भी मजबूत करने पर बात की।
- अमेरिका की तरफ से भारत को फाइटर्स जेट और सर्विलांस ड्रोन बेचने का मुद्दा भी शामिल रहा।
- वार्ता के टॉप अजेंडे में 22 सी गार्जियन ड्रोन एयरक्राफ्ट की सप्लाई भी शामिल रही।
- अमेरिका ने भारतीय नौसेना को गार्जियन ड्रोन एयरक्राफ्ट की डील को अपनी अनुमति दे दी है।
- पहली बार गैर नाटो सदस्य देश के लिए अमेरिका ने इसकी सप्लाई की अनुमति दी है।
- भारतीय नौसेना ने विस्तृत हिंद महासागर के सर्विलांस के मानवरहित ड्रोन की मांग कर रखी है।
- भारतीय वायुसेना ने भी 90 आर्म्ड एवेंजर प्रिडेटर ड्रोन्स की मांग की है।
गौरतलब है कि मैटिस ने भारत आने से पहले दोनों देशो के बीच रक्षा समझौते के बारे में कुछ संकेत भी दिए थे। ऐसे में मैटिस इस यात्रा के दौरान दोनों देश आपस में रक्षा साजो-सामान के संयुक्त उत्पादन और विकास के बारे में किसी समझौते पर बात कर सकते हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार और तकनीक के हस्तांतरण की दिशा में भी व्यापक सहमति की उम्मीद लगाई जा रही है। अमेरिका भारत को रक्षा क्षेत्र में वह तकनीक देने का इच्छुक है, जो वह अपने कुछ बेहद करीबी मित्र देशों और सहयोगियों को ही देता आया है।







Created On :   26 Sept 2017 3:16 PM IST