विहिप का दावा, 62 लाख हिंदुओं का रोका धर्मांतरण, साढ़े आठ लोगों की कराई घर वापसी
नई दिल्ली, 12 अगस्त(आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया है कि पिछले 56 वर्षों में संगठन ने देश में 62 लाख हिंदुओं का धर्मांतरण रोकने के साथ साढ़े आठ लाख लोगों की घर वापसी कराई है। विश्व हिंदू परिषद ने समाज के सहयोग से अब तक देश भर में 85 हजार से अधिक सेवा कार्य संचालित किए। विश्व हिंदू परिषद की स्थापना दिवस पर संगठन के कार्यों के बारे में आईएएनएस को यह जानकारी राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दी है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से शुरू हुआ विहिप का स्थापना दिवस समारोह स्वतंत्रता दिवस(15 अगस्त) तक चलेगा।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, विहिप ने अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के साथ धर्मांतरित हिन्दू समाज के लोगों को जड़ों से फिर से जोड़ने की दिशा में बड़ा कार्य किया है। अब तक लगभग 62 लाख हिंदुओं के धर्मांतरण को रोकने के साथ-साथ लगभग 8.5 लाख की घरवापसी भी हुई है। अनुसूचित जाति, जन जाति समाज के बीच सेवा, समर्पण व स्वावलंबन के मंत्र के साथ अनेक राज्यों में छल-बल पूर्वक धर्मान्तरण के विरुद्ध कठोर दण्ड की व्यवस्था वाले कानून भी संगठन के प्रयासों से बन सके हैं।
वर्ष 1964 में स्थापित हुए विश्व हिंदू परिषद की ओर से देश भर में 70 हजार संस्कार केंद्र चलाए जा रहे हैं।
विहिप की स्थापना को लेकर विनोद बंसल ने बताया कि वर्ष 1957 में आई नियोगी कमीशन की रिपोर्ट ने हिंदू समाज की आंखें खोल दी थी। रिपोर्ट में ईसाई मिशनरियों की ओर से छल, कपट, लोभ, लालच व धोखे से पूरे देश में हिंदुओं के धर्मांतरण की सच्चाई सामने आने के बावजूद केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए प्रभावी केंद्रीय कानून बनाने से स्पष्ट मना कर दिया। जिससे देश का संत समाज चिंतित था। विदेशों में रहने वाला हिन्दू समाज भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भारत की तरफ देख रहा था मगर केंद्र सरकार उदासीन थी। ऐसे में हिन्दू समाज के जागरण और संगठन की जरूरत महसूस होने लगी।
तब संघ प्रचारक दादासाहेब आप्टे ने कई सामाजिक क्षेत्रों मे काम करने वाले गणमान्य व्यक्तियों की बैठक बुलाई थी। यह बैठक 29 अगस्त 1964 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुम्बई स्थित सांदीपनि साधनालय में बुलाई गई। इसमें संघ के तत्कालीन सरसंघचालक गुरुजी भी उपस्थित थे। इसी दिन सभी महापुरुषों ने विश्व हिंदू परिषद के गठन की घोषणा कर दी थी। विश्व हिंदू परिषद स्थापना के 56 वर्षों में राम मंदिर आंदोलन को सबसे प्रमुख उपलब्धि मानता है। 1984 में शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन के दौरान देश के 3 लाख गांवों के 16 करोड़ लोगों को संगठन ने जोड़ा था।
एनएनएम/आरएचए
Created On :   12 Aug 2020 11:00 PM IST