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अगर कोई पुरुष पुनर्विवाह कर सकता है, तो महिला क्यों नहीं: वेंकैया नायडू
हाईलाइट
- नायडू ने सभी को संबोधित भी किया और विधवाओं के प्रति मानसिकता बदलने का आह्वान किया।
- लोगों की मानसिकता एक समस्या है, हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
- नायडू ने यह भी कहा कि अकेलापन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए दुखी करने वाला होता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि "अगर कोई पुरुष पुनर्विवाह कर सकता है, तो महिला क्यों नहीं कर सकती? लोगों की मानसिकता एक समस्या है, हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।" नायडू ने यह भी कहा कि अकेलापन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए दुखी करने वाला होता है, लेकिन महिलाओं को अधिक पीड़ा उठानी पड़ती है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में Loomba Foundation की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के अवसर पर आयोजित किया। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शामिल हुए। इस दौरान नायडू ने सभी को संबोधित भी किया और विधवाओं के प्रति मानसिकता बदलने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त की। प्रसाद ने कहा, "विधवाओं के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदम तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक इसे जन आंदोलन के रूप में नहीं लिया जाता। रुख में बदलाव के बिना हम ज्यादा कुछ नहीं बदल सकते हैं।"
लूमबा फाउंडेशन के संस्थापक ने कहा
इस फाउंडेशन की स्थापना सन 1997 में की गई थी। इसके संस्थापक लॉर्ड राज लूमबा सीबीई ने की थी। इस मौके पर लूमबा भी मौजूद थे। लूमबा ने कहा, "भारत में करोड़ों विधवाएं हैं, जो किसी भी देश से अधिक है। मैंने भारत सरकार से महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग के साथ विधवाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग स्थापित करने का आग्रह किया है। मैंने सरकार से अल्पसंख्यक वर्ग में महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया है।"
गौरतलब है कि लूमबा फाउंडेशन दुनियाभर में विधवाओं के लिए काम कर रहा है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।