39 भारतीयों की मौत : 1 अप्रैल को इराक जाएंगे वीके सिंह, 2 अप्रैल को शव आएंगे

39 भारतीयों की मौत : 1 अप्रैल को इराक जाएंगे वीके सिंह, 2 अप्रैल को शव आएंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इराक के मोसुल शहर में मारे गए 39 भारतीयों के शवों को भारत लाने की प्रोसेजर सरकार ने शुरू कर दी है। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह 1 अप्रैल को इराक जाएंगे और विशेष विमान से 2 अप्रैल को शवों को भारत वापस लाया जाएगा। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में जानकारी दी थी कि इराक के मोसुल में सभी 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार डाला है।

स्पेशल विमान से आएंगे भारतीयों के शव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इराक के बगदाद में मौजूद इंडियन एंबेसी के ऑफिशियल्स लगातार इराकी ऑफिशियल्स के संपर्क में हैं और जैसे ही पूरी प्रोसेस हो जाएगी, जनरल वीके सिंह दिल्ली से बगदाद के लिए रवाना हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल को वीके सिंह एयरफोर्स के विमान सी-21 ग्लोबमास्टर से बगदाद जाएंगे। भारतीयों के शवों को पहले अमृतसर लाया जाएगा। इसके बाद पटना और कोलकाता ले जाया जाएगा, जहां उनके परिजनों को शवों के अवशेष सौंपे जाएंगे। माना जा रहा है कि 2 अप्रैल को ही वीके सिंह इराक से भारत शव लेकर आएंगे।

सुषमा स्वराज ने किया खुलासा, इराक में लापता सभी 39 भारतीयों को ISIS ने मार डाला

सुषमा ने सदन में क्या जानकारी दी थी?

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को राज्यसभा में बताया था कि इराक गए 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार दिया है। उन्होंने बताया था कि इराक के बदूश शहर में शवों को दफनाया गया था, जिसके बाद डीप पेनीट्रेशन के जरिए शवों को खोजा गया और उन्हें निकालकर DNA टेस्ट किया गया, जिसमें उनके मारे जाने की पुष्टि हुई थी।

कैसे लगाया गया शवों का पता?

- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया था कि इराक के मोसुल को जब ISIS के कब्जे से छुड़ाया गया, तो उसके बाद वीके सिंह मोसुल गए थे। उन्होंने वहां भारतीयों की तलाश के लिए आसपास के लोगों से पूछताछ की। 
- पूछताछ में पता चला कि ISIS ने कुछ लोगों को मारकर उनके शवों को बदूश शहर में एक टीले के नीचे दफना दिया है। जिसके बाद वीके सिंह बदूश शहर की तरफ गए।
- बदूश पहुंचकर वीके सिंह ने इराकी सरकार से डीप पेनीट्रेशन की मांग की। इसके जरिए पता चला कि टीले के नीचे 39 शव दबे हुए हैं।
- इसके बाद पहाड़ को खुदवाकर सभी शवों को निकाला गया। इन शवों के पास से कुछ कड़े भी मिले थे और कुछ लोगों के बाल भी लंबे थे, जिससे इनके भारतीय होने का अंदेशा हुआ।
- शव मिल जाने के बाद लापता भारतीयों के परिजनों से DNA लिया गया और सभी शवों का DNA टेस्ट कराया गया। 
- DNA टेस्ट में पता चला कि ये शव उन्हीं  भारतीयों के हैं, जो जून 2014 में लापता हो गए थे। 39 शवों में से 38 के DNA 100% मैच हो गए थे, जबकि एक शख्स का DNA 70% तक मैच हो पाया था।
- जब इस बात की पुष्टि हो गई कि सभी भारतीयों को मार दिया गया है, तो सुषमा स्वराज ने संसद में इसकी जानकारी दी।

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2014 में लापता हुए थे 40 भारतीय

जून 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के इराक के मोसुल शहर में कब्जा करने के बाद 40 लोग लापता हो गए थे। इनमें से हरजीत मसीह को बांग्लादेशी नागरिक अली बताकर वापस भेज दिया गया था, जबकि 39 लोग ISIS के चंगुल में ही थे। ये सभी लोग मोसुल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। 39 भारतीयों के साथ-साथ 50 बांग्लादेशियों को भी किडनैप कर लिया गया था। बता दें कि इससे पहले तक उम्मीद थी कि सभी लोग इराक में किसी जेल में बंद हो सकते हैं।

Created On :   30 March 2018 11:56 AM IST

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