Vyapam Exclusive : गोयनका से यारी, STF सीबीआई के राडार पर

VYAPAM : STF officials on CBI scanner due to proximity with Ajay Goenka
Vyapam Exclusive : गोयनका से यारी, STF सीबीआई के राडार पर
Vyapam Exclusive : गोयनका से यारी, STF सीबीआई के राडार पर

(लाल घेरे में अजय गोयनका)

धर्मेंद्र पैगवार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। व्यावसायिक परीक्षा मंडल की पीएमटी 2012 में मप्र एसटीएफ की जांच संदेह से घिर गई है। पीएमटी 2012 में जांच से जुड़े अफसर की चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका से निकटता के मामले में मप्र हाईकोर्ट को कॉल डिटेल भी दी गई थी। डॉ. गोयनका के अग्रिम जमानत आवेदन वाले दिन उनके साथ अदालत जाने वाले पिक्चर वायरल होने के बाद पूर्व अफसरों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मप्र पुलिस की इंटेलिजेंस रिपोर्ट भी पीएचक्यू पहुंच गई है और अब ये अफसर सीबीआई के भी राडार पर आ गए हैं। 

जब मप्र एसटीएफ पीमएटी 2012 की जांच कर रही थी तो जांच अफसर दिलराज सिंह बघेल थे। उस वक्त प्रीपीजी 2012 में भांजे का एडमिशन कराने के आरोप में एसटीएफ ने बिल्डर विपिन गोयल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विपिन गोयल ने जबलपुर हाईकोर्ट में जानकारी दी थी कि उसे डॉ. गोयनका के कहने पर फंसाया गया है और उसने बघेल व गोयनका की कॉल डिटेल दी थी, जिसमें दावा किया गया था  कि उनके बीच 600 दफा बात हुई है। इस बीच मामला सीबीआई के पास चला गया। पीएमटी 2012 में एसटीएफ ने चारों प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पीपुल्स, चिरायु, एलएन और इंडेक्स के संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। जांच से जुड़े सीबीआई के एक अफसर कहते हैं कि एसटीएफ ने किसको अपनी जांच से बाहर निकाला या आरोपी बनाया, ये सब भी जांच के दायरे में है। 

पीएमटी 2012 में चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका जब आरोपी बनाए गए तो उनका अग्रिम जमानत आवेदन लगवाने के लिए भोपाल जिला अदालत में दो रिटायर्ड पुलिस अफसर भी साथ गए थे। इस मामले में गंभीर बात ये है कि रिटायर्ड डीएसपी दिलराज सिंह बघेल तो एसटीएफ में रहते सीधे तौर पर व्यापमं और पीएमटी 2012 की जांच से जुड़े रहे हैं। 

गोयनका जब अदालत पहुंचे तो उनके साथ भोपाल से रिटायर हुए सीएसपी सलीम खान और एसटीएफ में रहते करीब दो दर्जन मामलों के जांच अधिकारी रहे एक अन्य रिटायर्ड डीएसपी बघेल भी साथ थे। मीडिया के कैमरों की नजर से व्यापमं के जांच अधिकारी रहे डीएसपी बघेल तो बच निकले , लेकिन सलीम खान डॉ. गोयनका के साथ कैमरे में कैद हो गए। ये दोनों पूर्व अफसर अदालत परिसर में लगे सीसीटीअी कैमरों में भी रिकार्ड हुए हैं। दैनिक भास्कर के पास सलीम खान और गोयनका के अदालत परिसर के फोटो हैं। सलीम खान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जुड़े मामले की जांच के दौरान प्रदेश सरकार और भाजपा के करीब आए थे।

क्या कहते हैं सलीम खान


मेरा सिविल का एक मामला अदालत में चल रहा है, महीने में कई बार अदालत जाता हूं। डा. गोयनका मेरे परिचित हैं।

मेरे फैमिली डॉक्टर हैं गोयनका


एसटीएफ में पीएमटी 2012 की जांच से जुड़े रहे दिलराज सिंह बघेल कहते हैं कि डॉ. गोयनका उनके फैमिली डॉक्टर हैं, वर्ष 1994 से उनसे परिचय है। बघेल कहते हैं कि सीबीआई का चालान पेश होने के तीन चार दिन पहले तक भी उनसे बात हुई है।

विभागीय जांच हो सकती है : पूर्व डीजीपी 


आमतौर पर फरार आरोपियों के साथ घूमना या उन्हें सरंक्षण देना अपराध होता है, इस मामले में रिटायर्ड डीजीपी आनंद राव पवार कहते हैं कि किसी भी आरोपी के साथ घूमना या मिलना कानून अपराध है। वो भी तब जब आप खुद पुलिस अफसर रह चुके हों। ऐसे अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच की जा सकती है। इसमें प्रावधान है कि रिटायरमेंट के चार साल बाद तक विभाग उनके खिलाफ विभागीय जांच या प्रतिवेदन दे सकता है। नैतिक और कानूनी दोनों रूप से किसी आरोपी के साथ घूमना या उससे मिलना गलत है।

ये है मामला


सीबीआई ने पीएमटी 2012 की जांच में पाया कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज ने सरकारी कोटे की 97 और पीपुल्स, चिरायु और एलएन मेडिकल कॉलेजों ने 84 सीटें पेमेंट सीट बताकर करोड़ों रुपए में बेच दी गईं। इस मामले में पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन विजयवर्गीय, चिरायु के डॉ अजय गोयनका, एलएन मेडिकल के जयनारायण चौकसे और इंडेक्स के सुरेश भदौरिया समेत 245 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 

 

Created On :   26 Nov 2017 2:53 PM GMT

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