'दीदी' के संगीन आरोप, FB पोस्ट से पश्चिम बंगाल में बवाल 300 जवान तैनात

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्यपाल के एन त्रिपाठी पर धमकी देने और अपमान करने का आरोप लगाया है। मामला कोलकाता से सटे उत्तर 24-परगना जिले के बशीरहाट व बादुड़िया इलाके में एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट पर सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद बढ़ा। जिसके बाद अब राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में ठन गई है। ममता ने कहा कि फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के मुद्दे पर उस इलाके में कल शाम दो संप्रदायों के बीच हिंसा शुरू हुई थी। ममता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में राज्यपाल पर धमकी देने का आरोप लगाया है। इस बीच, इस हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के तीन सौ जवानों को मौके पर रवाना कर दिया था।
साथ ही ममता ने कहा इस 'अपमान' पर वे कार्यालय छोड़ने का विचार कर रही हैं। उधर राज्यपाल ने ममता के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बंगाल सीएम से उनकी इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई जिससे उन्हें अपमानित महसूस होना पड़े।
ममता के आरोपों की झड़ी
त्रिपाठी के साथ खुले टकराव में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि राज्यपाल एक 'भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष' की तरह काम कर रहे हैं। फोन पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, 'जिस तरह से उन्होंने भाजपा के पक्ष में बातें की यह सुनकर मुझे अपमानित महसूस हुआ। मैंने उनसे कहा है कि वह इस तरह से बात नहीं कर सकते।' राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा, 'उन्हें समझना चाहिए कि वे जिस पद पर हैं वो पद किसी की गुलामी करने के लिए नहीं है।'
बनर्जी ने आगे कहा कि राज्यपाल ने राज्य में सांप्रदायिक घटना के सिलसिले में उनसे बात की। उन्होंने कहा, 'भाजपा नेताओं से लगातार राज्यपाल की मुलाकात हो रही है और उन्हें जो कुछ मन में आ रहा है बोल रहे हैं।' ममता ने पूछा कि वे एक तरफ का पक्ष क्यों ले रहे हैं?' ममता ने साथ ही कहा कि मैं गवर्नर से अपील करती हूं कि वे इस तरह का व्यवहार ना करें। उन्होंने कहा, 'राज्यपाल ने कानून और व्यवस्था पर बहुत बातें की। मैं किसी पर दया नहीं दिखाने वाली। मुझे कभी भी इतना अपमानित महसूस नहीं हुआ जितना आज हुआ।' ममता ने कहा, राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है और उन्हें उस ढांचे के भीतर कार्य करना चाहिए।
राजभवन का खंडन
ममता के आरोपों के बाद राजभवन द्वारा एक बयान जारी किया गया जिसमें राज्यपाल एन त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ स्वयं का बचाव किया। बयान में कहा गया कि संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री की भाषा और रवैया हैरान करने वाला है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच बातचीत गोपनीय रखी जाती है। और इस बातचीत के सार्वजनिक किए जाने की उम्मीदें नहीं की जाती। बयान में आगे कहा गया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। राज्यपाल राज्य का मुखिया है, सभी का संरक्षक होता है, किसी विशेष पार्टी या वर्ग का नहीं। बयान में कहा गया, 'राज्यपाल राज्य में होने वाली किसी गंभीर घटना पर मुख्यमंत्री से चर्चा करने के लिए स्वतंत्र हैं। राज्यपाल राज्य में मामलों के मूक दर्शक नहीं रह सकते।'
भाजपा का ममता पर हमला
राज्य भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पूरी घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल ने किसी घटना के बारे में पूछा, तो मुख्यमंत्री को अपमानित क्यों महसूस हुआ? उन्होंने कहा, ' क्या राज्यपाल पूछ नहीं सकते कि घटना क्यों हुई है। अगर राज्यपाल उनसे इस बारे में पूछते है तो इसमें अपमान वाली तो कोई बात दिखाई नहींं देती।'
Created On :   4 July 2017 9:53 PM IST