हमें नए सामान्य के लिए तैयार रहना चाहिए : सरोद वादक शिराज अली खान

We should be ready for the new normal: Sarod player Shiraz Ali Khan
हमें नए सामान्य के लिए तैयार रहना चाहिए : सरोद वादक शिराज अली खान
हमें नए सामान्य के लिए तैयार रहना चाहिए : सरोद वादक शिराज अली खान
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नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। वह अपने परदादा उस्ताद अलाउद्दीन खान और दादा उस्ताद अली अकबर खान जैसे दिग्गजों के नक्शेकदम पर चलकर प्रसिद्ध मैहर घराने के सबसे कम उम्र के सदस्य हैं, लेकिन इससे सरोद वादक शिराज अली खान परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि उनका ये प्रोफेशन विरासत का एक हिस्सा है।

शिराज अली खान ने आईएएनएस से कहा कि जब बुलावा आता है, तो वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।

एक प्रतिष्ठित घराने से आने वाले शिराज अली खान पूरे अनुशासन और समर्पण की भावना से रियाज करते हैं और परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह अपने संगीत से लोगों को प्रभावित करने की उम्मीद रखते हैं।

सरोदवादक शिराज अली खान, जो हाल ही में एचसीएल डिजिटल संगीत कार्यक्रमों का हिस्सा थे, ने तबला भी सीखा है, जो कि एक ऐसा वाद्ययंत्र है, जिसे उन्होंने बचपन में पं. शंकर घोष से सीखा, लेकिन बाद में सरोद को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, जब मैं दो-तीन साल का था तभी तबले की लय ने मुझे आकर्षित किया था। तकनीकों को न जानने के बावजूद, ताल और लय स्वाभाविक रूप से मेरे पास आए। यह देखकर, मेरे पिता, दिवंगत प्रो. ध्यानेश खान ने मुझे पं.शंकर घोष के पास तबला सीखने के लिए भेजा। वह एक अद्भुत शिक्षक थे, जिनके पास देने के लिए बहुत कुछ था - बारीकियां, शैली, ताल, लय और बहुत कुछ। वास्तव में, तबला सीखने से मुझे सरोद बजाने में काफी मदद मिली है।

बाद में उनके पिता ने उन्हें सरोद वाद्ययंत्र सीखने के लिए कहा, जब वह चार-पांच साल के थे। इसके बाद चाचा उस्ताद आशीष खान ने शिराज अली को सरोद के नोट्स बताए। अपने दादा की तरह स्वाभाविक रूप से बाएं हाथ से सरोद बजाने वाले संगीतकार ने अपने पिता को कम उम्र में ही खो दिया, लेकिन अपनी चाची अमीना परेरा और उसके बाद उस्ताद अली अकबर खान के साथ सीखना जारी रखा।

शिराज अली खान ने कहा, मैं अपने चाचा उस्ताद आशीष खान, जो मेरे गॉडफादर हैं, से अभी भी सीख रहा हूं। शिक्षा/तालीम सिर्फ कक्षाओं में नहीं होती हैं और अक्सर मैं लाइव प्रदर्शन में अपनी परंपरा के करीब आने का नया तरीका सीखता हूं। यह एक हमेशा सीखने की प्रक्रिया है और मुझे लगता है कि अभी रास्ता काफी लंबा है।

शिराज अली खान ने कहा कि कला और संस्कृति बिरादरी के लिए हाल का समय बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। खान, जो डिजिटल संगीत कार्यक्रम में अभी व्यस्त हैं, लाइव परफॉर्मेस को काफी मिस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, डिजिटल परफॉर्मेस लाइव परफॉर्मेस की जगह नहीं ले सकता, जहां सामने बैठे दर्शकों की प्रतिक्रिया और उनकी सराहना लगातार मिलती रहती है .. हालांकि, मुझे खुशी है कि एचसीएल जैसे कुछ कॉर्पोरेट घरानों ने अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता दिखाई है और लगातार डिजिटल संगीत कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।

आशीष खान स्कूल ऑफ वल्र्ड म्यूजिक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं लेने के अलावा, शिराज अली खान कोलैबोरेटिव म्यूजिक में भी हिस्सा ले रहे हैं। हम संगीत कार्यक्रमों के नए सामान्य दौर में प्रवेश कर रहे हैं जो कि फिजिकल और डिजिटल का मिश्रण होगा।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   3 Nov 2020 6:01 PM IST

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