- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- What is Shri Rajput Karni Sena and Who is Lokendra Singh Kalvi
दैनिक भास्कर हिंदी: पद्मावत का विरोध करने वाली ये करणी सेना है कौन और आई कहां से?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' गुरुवार को लंबे विवाद के बाद रिलीज हो ही गई। हालांकि, इसका विवाद अभी पूरा थमा नहीं है और अभी भी कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। पद्मावत का विरोध करने वाली करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में संजय लीला भंसाली ने अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) और रानी पद्मावती (दीपिका पादुकोण) के बीच रोमांटिक सीन्स फिल्माए हैं, जिससे राजपूत समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंची है। इसके साथ ही इस संगठन ने भंसाली पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया है। राजस्थान में विरोध करने वाली करणी सेना आज पूरे देश में पैर पसार चुकी है और इसके समर्थक देशभर में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले एक साल से करणी सेना का नाम तो सब सुनते आ रहे हैं लेकिन इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। ऐसे में आज हम आपको करणी सेना के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
आरक्षण की मांग से हुई थी शुरुआत
करणी सेना यूं तो 2006 में आई थी, लेकिन इसकी शुरुआत काफी समय पहले ही हो गई थी। बताया जाता है कि राजस्थान में आरक्षण मिलने से गांवों में जाट प्रधान और सरपंच जैसे पदों पर काबिज होने लगे और राजपूतों का वर्चस्व कम होने लगा। इसके बाद बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी और लोकेंद्र सिंह कालवी ने अगड़ों को आरक्षण और पिछड़ों को संरक्षण देने के नाम पर राजस्थान में एक 'सामाजिक न्याय मंच' बनाया। इस मंच के बैनर तले प्रदेश में राजपूतों की बड़ी-बड़ी रैलियां होने लगीं। इसके बाद राजपूतों नें इस मंच को राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा, लेकिन 2003 के विधानसभा चुनावों में इस पार्टी को केवल एक ही सीट मिली। ये सीट देवी सिंह भाटी ने जीती और बाद में वो भी बीजेपी में शामिल हो गए।
23 दिसंबर 2006 को बनी करणी सेना
इसके बाद सामाजिक न्याय मंच जब चुनावों में बुरी तरह फेल हुई तो इसने राजपूतों को आरक्षण दिलाने के नाम पर 23 दिसंबर 2006 को करणी सेना की स्थापना की। करणी माता को जगदम्बा का अवतार माना जाता है और कई राजपूत राजघरानों की ये कुल देवी हैं। उस वक्त करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली को बनाया गया और लोकेंद्र सिंह कालवी करणी सेना के संयोजक बन गए। इसके बाद करणी सेना प्रदेश में राजपूतों को आरक्षण दिलाने की मांग की और जगह-जगह आंदोलन किए।
2008 में कांग्रेस से जुड़े लोकेंद्र सिंह कालवी
2008 में जब 'जोधा-अकबर' फिल्म की शूटिंग जयपुर में हुई तो करणी सेना ने इसका जमकर विरोध किया। इसके बाद करणी सेना लोकप्रिय हो गई और इस वजह से 2008 में कांग्रेस ने करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी को शामिल कर लिया। लोकेंद्र सिंह कालवी के कांग्रेस में शामिल होने की वजह से करणी सेना में फूट पड़ गई और संगठन के अंदर उनका काफी विरोध भी शुरू हुआ। इसके बाद कालवी ने संगठन को भंग करने का एलान कर दिया।
फिर तीन टुकड़ों में बंटी करणी सेना
लोकेंद्र सिंह कालवी ने जब करणी सेना को भंग करने का एलान किया तो संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रहे अजीत सिंह मामडोली ने कालवी को करणी सेना से निकाल दिया और खुद इसके नेता बन गए। इसके बाद 2010 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने 'श्री राजपूत करणी सेना' बनाई और श्याम सिंह रुआं को इसका प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि बाद में अजय सिंह मामडोली और रुआं के बीच विवाद बढ़ गया और श्यास सिंह रुआं ने करणी सेना को छोड़ दिया। 2012 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष बने। सुखदेव सिंह पर कई आपराधिक केस दर्ज थे और वो दो बार बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। जिस कारण लोकेंद्र सिंह कालवी और सुखदेव सिंह के बीच विवाद हो गया और फिर सुखदेव सिंह ने 'राष्ट्रीय श्री राजपूत करणी सेना' नाम से अलग संदठन बना लिया।
राजनीति में कभी सफल नहीं हुए लोकेंद्र सिंह कालवी
श्री राजपूत करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कई बार राजनीति में हाथ आजमाया, लेकिन एक बार भी वो इसमें सफल नहीं हो पाए। लोकेंद्र सिंह के पिता कल्याण सिंह कालवी 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे थे। लोकेंद्र सिंह कालवी ने पहली बार 1993 में नागौर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। इसके बाद 1998 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर बाडमेर-जैसलमेर सीट से लड़ा, लेकिन फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बाद में 2003 का विधानसभा चुनाव कालवी ने सामाजिक न्याय मंच के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और फिर से हार झेलनी पड़ी। 2008 में कालवी कांग्रेस में शामिल नहीं हुए, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।
करणी सेना ने कब-कब किया विरोध?
करणी सेना राजस्थान में यूं तो कई आंदोलन करती रही है, लेकिन उसे असली पहचान विरोध-प्रदर्शनों की वजह से ही मिली है। करणी सेना ने पहली बार 2008 में 'जोधा-अकबर' फिल्म का पूरे राजस्थान में पुरजोर विरोध किया। 2013 में करणी सेना ने फिर 'जोधा-अकबर' सीरीयल का विरोध किया और आरोप लगाया कि इस सीरीयल में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद 2014 में इस संगठन ने 'जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल' का विरोध भी किया और 2016 के आखिरी में करणी सेना ने भंसाली की 'पद्मावती' फिल्म का विरोध किया।
स्वतंत्रता दिवस: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 75वां स्वतंत्रता दिवस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आजादी का यह महोत्सव विश्वविद्यालय ने आजादी के अमर नायकों को समर्पित करते हुए आयोजित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया और कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह विषेष रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स ने फ्लैग मार्च करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। साथ ही परेड में स्पोर्ट्स क्लब, एनएसएस और स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल (सैक) भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएनटीयू के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने इस अवसर पर कहा कि ये उत्साह और उमंग की वापसी एक ऐसे आह्वान के ऊपर हो रही है जो इस समय पूरे देश में है। हमारे देश ने जिस तरह की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में की है जिस आधार पर यह प्रगति की गई है वो निश्चित ही गर्व के योग्य है। कोविड के दौरान हमने विश्व मानवता हेतु दवाएं एक्सपोर्ट कीं। कोविड में हमने लोगों को बताया कि यदि जीवन शैली है तो वो भारतीय जीवन शैली है जिसके माध्यम से विष्व बचा रह सकता है। हमारी परंपरा ही हमारी रीढ़. की हड्डी है जो हमें बचाए रहती है। हमारा विश्वविद्यालय सदैव यही प्रयत्न करता है कि एकता, अखंडता और सद्भाव का हम यहां उदाहरण प्रस्तुत करें। कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने विद्यार्थियों से कहा कि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का है। सभी को अपने कार्यक्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए ताकि हम राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। वहीं कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह जी ने कहा कि इस समय विद्यार्थियों के सामने अनंत संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को देश को आगे ले जाने का संकल्प लेना चाहिये।
विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल के छात्र रिषी रघुवंषी और एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स चिराग और ग्रुप ने देशभक्ति गीत गाकर देशभक्ति का समां बांध दिया। एनएसएस के स्वयंसेवक अविनाष और ग्रुप एवं सैक के टीना और नेहा ने ग्रुप डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं छात्र विवेक भास्कर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इसी क्रम में टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा रबीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नाटक ‘एकला चलो रे’ की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर आजादी के 75वें वर्ष तथा देश में पहली बार आयोजित ‘हर-घर तिरंगा’ कार्यक्रम के भावी स्मरणार्थ राष्ट्रीय कैडेट कोर के नेवल विंग और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, एनसीसी आफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज मनराल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता एवं श्री गब्बर सिंह सहित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया गया। आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर इन पौधों के सम्मुख विद्यार्थियों को ले जाकर आजादी की कहानियां सुनाने का प्रण भी लिया गया। कार्यक्रम का संचालन विवेक भास्कर एवं संस्कृति द्वारा किया गया।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के इस पोर्टल से जुड़ने पर उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा जनता को मिलेगा। और तो और यह सब ग्राहक के बजट में।
क्या है लॉ समाधान और इसकी सेवाएं कैसे ली जा सकती हैं
- यह सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवाओं के समाधान के लिए सलाह प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाला भारत का एकमात्र वेब पोर्टल है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सटीक, किफायती, पारदर्शी सलाह
- मुफ्त संपर्क विवरण – आपके क्षेत्र के अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का संपर्क विवरण मुफ्त उपलब्ध होगा
- लॉ समाधान का सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता और सीए का विशाल नेटवर्क बन रहा है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लॉ समाधान से जुड़ने से इसकी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है
- जिसे भी लीगल या लेखा सेवा संबंधित सलाह चाहिए वह कंप्यूटर या मोबाइल पर वेब पोर्टल lawsamadhan.com खोले और जो सेवा लेना चाहते हैं उसे चुने।
- आप इस पोर्टल पर एक क्लिक कर लंबे अनुभव वाली टीम से सर्वोत्तम कानूनी और वित्तीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं
- आपके तय बजट और केस के हिसाब से लॉ समाधान आपको बेस्ट अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सुझाव प्रदान करता है
- मध्यस्थता सेवाएं (एडीआर) भी प्रदान की जाती हैं
- नए कारोबार को कानूनी सलाह सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं
बॉक्स
एक क्लिक पर सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवा पर सलाह
उपभोक्ता शिकायत, कंपनी पंजीकरण, लेखा सेवाएं, लाइसेंस और ट्रेडमार्क, जीएसटी, कानूनी दस्तावेज, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवाएं, संपत्ति संबंधी मामले, साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक, आप्रवास पर सलाह आदि