#GST : महीने के राशन पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा

#What will be the impact of GST on groceries, households and personal care products?
#GST : महीने के राशन पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा
#GST : महीने के राशन पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा

टीम डिजिटल,नई दिल्ली. शुक्रवार 30 जून की आधी रात से GST लागू होने जा रहा हैं। GST लागू होने से कई चीजों के दामों पर असर पड़ेगा। मोटे तौर पर तो सभी जानते हैं कि क्या महंगा और क्या सस्ता होने वाला है। छोटी और रोजमर्रा में काम आने वाली चीजे, जैसे-ग्रॉसरी, हाउसहोल्ड और पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स काे लेकर अब भी कई सवाल आपके दिमाग में घूम रहे होंगे। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि bhaskarhindi.com लेकर आया है आपके हर सवाल का जवाब।

  • ज्यादा टैक्स लगेगा! 
    अधिकतर ग्रॉसरी, हाउसहोल्ड और पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स के दाम गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने के कम से कम 6-8 हफ्ते बाद तक जस के तस रहेंगे, क्योंकि कंपनियां ये कोशिश करेंगी कि नए टैक्स से उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट ना बढ़े।
  • कुकीज, टूथपेस्ट, साबुन और हेयर ऑयल सहित कई प्रॉडक्ट्स 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते हैं, जबकि अभी इन पर 22 पर्सेंट का टैक्स देना पड़ता है।
  • डिटर्जेंट, शैम्पू और स्किन केयर प्रॉडक्ट्स पर जीएसटी में 28 पर्सेंट का टैक्स लगेगा, जो अभी से अधिक है।

नामी कंपनी गोदरेज कन्ज्यूमर के मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक गंभीर ने बताया कि 'हम कम जीएसटी का फायदा कन्ज्यूमर्स को देने का इरादा रखते हैं। हालांकि, कुछ चीजों को लेकर हम तस्वीर साफ होने का इंतजार कर रहे हैं, जैसे-कुछ खास इलाकों में प्रॉडक्शन पर अभी जो टैक्स छूट मिलती है, उसका नए टैक्स सिस्टम में क्या होगा। इसका भी हमारे प्रॉडक्ट्स की कीमत पर असर पड़ेगा।' उन्होंने ये भी बताया कि, जिन चीजों पर टैक्स जीएसटी में बढ़ रहा है, उनके दाम में भी बढ़ोतरी की अभी कोई योजना नहीं बनाई गई है।

  • रिटेलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि एचयूएल, मैरिको, डाबर, कॉलगेट, प्रॉक्टर एंड गैंबल और ब्रिटानिया के प्रॉडक्ट्स अगस्त तक अभी वाली कीमत पर ही मिलते रहेंगे।
  • 'नए स्टॉक के वजन या दाम में शायद ही बदलाव किया जाए। ये प्रॉडक्ट्स आने वाले कुछ हफ्तों में बाजार में भेजे जाएंगे।' वहीं एचयूएल पॉलिसी के तहत अपने प्रॉडक्ट्स के दाम में बदलाव पर कमेंट नहीं करती।

कंपनियों और रिटेलरों ने सप्लाई रोकी

  • जीएसटी लागू होने से पहले कई कंपनियों और रिटेलरों ने सप्लाई रोक दी है या महीने के आखिरी दिनों में बहुत कम स्टॉक रखने की सोच रही हैं। हालांकि, आमतौर पर तिमाही में बिक्री के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जून के आखिर में कंपनियां प्रॉडक्ट्स की सप्लाई बढ़ाती हैं।
  • जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी रोकने का प्रावधान भी है। इसके तहत कंपनियों को कम टैक्स का फायदा ग्राहकों को देना होगा। हालांकि, कंपनियों का कहना है कि उन्हें पहले कच्चे माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के असर को देखना होगा।
  • पारले प्रॉडक्ट्स '5 और 10 रुपये के प्राइस प्वाइंट में बदलाव नहीं कर सकते। उसके पास सिर्फ वजन कम करने का रास्ता है। लेकिन यह फाइनल प्रॉडक्ट पर जीएसटी पर आधारित होगा।'
  • नए टैक्स का उनकी लागत पर क्या असर होता है, इसे समझने के लिए उन्हें दो-तीन महीने का समय चाहिए। उन्हें ये ध्यान देना होगा कि इनपुट पर टैक्स क्रेडिट का क्या असर होता है।'
  • कई एफएमसीजी कंपनियों के प्लांट एक्साइज फ्री जोन में हैं। वे यहां बनने वाले सामान पर जीएसटी को लेकर तस्वीर साफ होने का इंतजार कर रही हैं।

एक ही सामान की दो कीमत से बचाव

  • कई क्लाइंट्स रखने वाले एक डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया, 'कई कंपनियां एक ही सामान की दो कीमत से बचना चाहती हैं। वो नहीं चाहतीं कि जीएसटी से पहले और जीएसटी से बाद वाले एक ही कैटेगरी के सामान की अलग-अलग कीमत हो।'
  • कंपनियों ने दाम में अंतर की वजह से होने वाले किसी भी लॉस की भरपाई का वादा किया है। लेकिन इसके लिए बेवजह पेपरवर्क करना होगा।
  • बिसलेरी के दाम में 1-2 रुपये के बदलाव से कन्ज्यूमर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी के चेयरमैन रमेश चौहान ने बताया, 'हमारी कैटेगरी में 5 रुपए की न्यूनतम कीमत से ग्राहकों को फायदा होगा। इसलिए हम दाम में बदलाव करने से पहले जीएसटी के सेटल होने का इंतजार कर रहे हैं।'

दूध और दही को नए टैक्स से रखा बाहर

  • अमूल दूध के दाम में बदलाव नहीं किया जाएगा।
  • अमूल मिल्क पाउडर और बेबी फूड के दाम में 5 पर्सेंट की कटौती करेगा। हालांकि, नई कीमतों का फायदा ग्राहकों को जीएसटी लागू होने के हफ्ते या 10 दिन के बाद ही मिलेगा। तब तक पुराना स्टॉक खत्म हो जाएगा।'

 

Created On :   29 Jun 2017 7:32 AM GMT

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