डकैत बबुली कोल पर 5.50 लाख का ईनाम, जानिए आखिर ये है कौन...?

who is rewarded Dakat Bubuli Cole, his cole gang in chitrakoot areas
डकैत बबुली कोल पर 5.50 लाख का ईनाम, जानिए आखिर ये है कौन...?
डकैत बबुली कोल पर 5.50 लाख का ईनाम, जानिए आखिर ये है कौन...?

डिजिटल डेस्क, सतना। खूंखार डकैत बबुली कोल एक दशक से पुलिस की नाक में दम करता आ रहा है। बबुली कोल की उम्र इस समय करीब 38 साल है और उस पर इस समय साढ़े पांच लाख का इनाम है। चित्रकूट जिले के डोडा सोसाइटी क्षेत्र के के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में हुआ था। बबुली गांव के ही प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। फिर 12वीं की पढ़ाई के लिए वह बांदा चला गया। लेकिन 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थित ठीक न होने के चलते गांव आ गया और किसानी करने लगा।

जेल जाने की वजह से बना डकैत
साल 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई। जेल से छूटने के बाद बबली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया। जब पेशी नें लाले आया तो उसे वहां से बबली कोल फरार करा ले गया और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए। पिछले कुछ महीनों से पुलिस इलाके की काम्बिंग कर रही थी। पुलिस का मानना है कि बारिश के दौरान डकैत जंगल से गांव की तरफ आते हैं। बारिश के बाद घने होते जंगल इनके छिपने का मुफीद इलाका होता है।

तब बबुली कोल गैंग की  सितंबर 2017 को पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। इस एनकाउंटर में एक डाकू पकड़ा गया तो दूसरी ओर सब इंस्पेक्टर जेपी सिंह शहीद हो गए। इससे पहले भी कई बार बाबली कोल की पुलिस से मुठभेड़ हो चुकी है, लेकिन वह हमेशा पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा है।

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कभी ददुआ का चेला था फिर बलखड़िया गैंग में शामिल हुआ

यूपी के बुंदलेखंड में इस समय दहशत का सबसे बड़ा नाम बबुली कोल है। उसके नाम से बकायदा लेटरपैड से रंगदारी वसूली जाती है। पुलिस को बबुली कोल के कई लेटरपैड भी बरामद हुए हैं। डकैत बबुली कभी डकैत ददुआ का चेला हुआ करता था।  ददुआ की मौत के बाद वो दस्यु सरगना बलखड़िया उर्फ बाल खड़े उर्फ सुदेश पटेल के गिरोह में शामिल हुआ। एक मुठभेड़ में बलखड़िया के मरने के बाद बबली कोल  गैंग का सरदार बन गया।

लेटर पैड के जरिए वसूली
बबुली कोल पर मारपीट, हत्या, रंगदारी, अपहरण जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। बीहड़ों में इन दिनों बबुली कोल का राज चलता है और कहा जाता है कि बुंदेलखंड के गांवों में उसकी इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। बुंदेलखण्ड की जमीं पर डकैतों का राज कई दशकों से रहा है. एक डकैत मरता है तो दूसरा पैदा हो जाता है. कहते हैं कि पाठा के जंगलों में रहने वाला बबुली अपने लेटर पैड से वसूली करता है. बबुली के गैंग के डकैत बुंदेलखंड के गांव-गांव जाकर बबुली का लेटर पैड व्यापारियों को बांटते हैं।

गैंग का शार्पशूटर ऐसे बना सरदार
बलखड़िया के मारे जाने के बाद करीब 15 डकैतों के समूह का वह सरदार बन गया। बलखड़िया गैंग में वह शार्प शूटर था। उसके आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुखब‌िरी की सूचना पर उसने डोडा गांव के किसान को गोलियों से छलनी कर दिया था। इलाके में उसके आतंक को देखते हुए सरकार ने जल्द से जल्द पकड़ने के लिए उस पर एक साल के अंदर सात लाख तक का इनाम रख दिया।

Created On :   3 Feb 2018 11:38 PM IST

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