अंधविश्वास के कारण सीएम शिवराज नहीं जाते इछावर, कांग्रेस ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अंधविश्वास के कारण अपने ग्रह जिले के तहसील मुख्यालय पर नहीं गए हैं। इछावर सीहोर जिले की विधानसभा सीट है और इसके बगल वाली बुधनी सीट से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक हैं।
कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह स्वंय के गृह जिले के इछावर मुख्यालय में पांच सालों में कितनी बार गए हैं। जवाब में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि एक बार भी नहीं आए। इस पर पटेल ने पूछा कि क्या मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं? इस पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि, ऐसी बातें बहुत से लोग कहते हैं कि यहां जाएंगे तो ऐसा हो जाएगा। उन्होंने खुद के गृह जिले दमोह में एक जगह पथरिया के बारे में बताया कि वहां के बारे में भी बहुत दिनों से ऐसी बातें चली आ रही हैं। यदि वहां कोई मुख्यमंत्री जाता है तो वह निपट जाता है। इतने वर्षों में शिवराज सिंह वहां चार बार गए हैं। सरकार की ओर से जवाब देते हुए मलैया ने कहा कि वो इन सब बातों को नहीं मानते।
मलैया ने ये भी बताया कि मुख्यमंत्री इछावर विधान सभा के 11.10.2017 को अंत्योदय मेले में गए थे और वहां 29,604 हितग्राहियों को 113.68 लाख का लाभ दिया था। मलैया के जवाब पर सवाल उठाते हुए शैलेन्द्र पटेल ने कहा कि सीएम इछावर नहीं गए थे। शैलेन्द्र पटेल ने मुख्यमंत्री के इछावर को लेकर कोई घोषणा न करने को लेकर भी सवाल किया। उन्होंने वित्त मंत्री से पूछा कि वो बताएं कि सीएम इछावर कब आएंगे। शैलेन्द्र पटेल ने सवाल करते हुए पूछा कि भोपाल शहर, बुधनी और नसरुल्लागंज से इछावर की दूरी कितनी है? जवाब में बताया गया कि भोपाल शहर, बुधनी और नसरुल्लागंज की दूरी क्रमश 56 किमी, 50 किमी, और 100 किमी है।
इछावर को लेकर क्या है मिथ
ऐसा माना जाता है कि जो राजनेता इछावर जाता है उसकी कुर्सी चली जाती है। बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र बुधनी है जो सीहोर जिले में आता है। बुदनी से इछावर की दूरी 50 किमी है। विपक्ष का आरोप है कि सीएम जहां (बुधनी) से चुनाव जीतते आए हैं वहां से इछावर की दूरी इतनी कम होने के बाद भी शिवराज सिंह वहां नहीं जाते हैं, क्योंकि उनको डर है कि अगर वो इछावर चले गए तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। इछावर को लेकर सीएम के भेदभाव को लेकर भी विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए।
Created On :   28 Nov 2017 9:57 PM IST