कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी से पूछा- मुख्य सचिव को चीफ जस्टिस से मिलने क्यों भेजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बीच मतभेद सामने आने के बाद राजनीतिक पार्टियां भी इस विवाद में कूद चुकी हैं। जहां विपक्षी पार्टियां इस पूरे मामले पर केन्द्र सरकार की तानाशाही को सबसे बड़ा कारण मान रही हैं। वहीं सत्तापक्ष इस मुद्दे को जजों की आपसी टकराहट बता रही है। इसी बीच आज सुबह PM मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलने उनके घर पहुंचे थे। उनकी CJI के घर के बाहर कार में बैठी तस्वीर सामने आई थी। हालांकि उनकी मुलाकात CJI से नहीं हो पाई थी। अब इस पर कांग्रेस ने सवाल दागा है।
अब इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा है कि पीएम मोदी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के घर क्यों भेजा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा सीजेआई के आवास पर उनसे मिलने आए थे। पीएम को इस पर जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने मिश्रा को CJI से मिलने क्यों भेजा था।"
As PM’s Principal Secretary, Nripendra Misra visits CJI’s residence at 5, Krishna Menon Marg; PM must answer the reason for sending this special messenger to Chief Justice of India.
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) January 13, 2018
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने शुक्रवार को देश के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े किए थे। इन जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर के नेतृत्व में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया के सामने यह बातें रखी थी।
शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस मामले को सुलझाने का जिम्मा उठाया है। बार काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट के जजों और चीफ जस्टिस के बीच मतभेद खत्म करने के लिए 7 सदस्यों की एक कमिटी बनाई है। यह कमिटी इस पूरे विवाद पर जजों और चीफ जस्टिस से बात करेगी।
Created On :   13 Jan 2018 11:03 PM IST