स्मॉग के बाद भी मैच कराने पर NGT के निशाने पर BCCI , दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

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स्मॉग के बाद भी मैच कराने पर NGT के निशाने पर BCCI , दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
स्मॉग के बाद भी मैच कराने पर NGT के निशाने पर BCCI , दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारी स्मॉग और पॉल्यूशन के बावजूद भी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे टेस्ट मैच को कराने पर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने नाराजगी जताई है। NGT ने राजधानी में पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर के बीच मैच रखने के लिए सोमवार को BCCI और बाकी अथॉरिटीज के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। NGT ने कहा कि स्थिति बद से बदतर हो रही है। बच्चे भी परेशान हैं। इसी के ही साथ NGT ने दिल्‍ली में पॉल्यूशन को रोकने के लिए एक्‍शन प्‍लान न देने पर केजरीवाल सरकार को भी लताड़ा है। अदालत ने 6 दिसंबर पर तक दिल्‍ली सरकार से इस संबंध में पूरा प्‍लान मांगा है। 


गौरतलब है कि रविवार को हुए मैच में श्रीलंका के खिलाड़ियों ने बहुत बार मैच रुकवाया और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की। इसके बाद सभी खिलाड़ियों ने मास्क लगा लिए। पॉल्यूशन की वजह से मैच रुकने के बाद सोमवार को भी टीम ने खराब हवा को लेकर शिकायत की। जिसके बाद इस बात से परेशान होकर टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली ने 536/7 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दी थी। बता दें मैच के तीसरे दिन फर्स्ट हाफ में 3 मिनट के लिए खेल रुका रहा। 


बता दें कि फिरोजशाह कोटला मैदान के पास ही आईटीओ है। यहां सुबह 11 बजे तक एक्यूआई 400 के आंकड़े को पार कर गया था जो हेल्थ के लिए बहुत ही हानिकारक है। रविवार को मैच रुकने के दौरान तो एक्यूआई 200 से कुछ अधिक था। इस दौरान सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि मैदान के बाहर बैठा टीम का सपॉर्ट स्टाफ भी मास्क लगाए हुए दिखा। श्रीलंकाई खिलाड़ी बार-बार खेल रोक कर अंपायरों से स्थिति खेल के अनुकूल न होने की बात कह रहे थे। चंडीमल ने अंपायर्स को बताया कि उनके तेज गेंदबाजों को इस माहौल में खेलने के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसके चलते खेल को आगे बढ़ाना संभव नहीं है। दिनेश चंडीमल ऐसे हालात में खेल आगे बढ़ाने को बिल्कुल तैयार नहीं थे। 

 

दिल्ली सरकार करती है ऐसे हालात बने का इंतजारः NGT

NGT ने इसे पहले दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि क्यों आप लेडीज स्पेशल बसें नहीं चला रहें हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन लागू करने से मना करते हुए कहा था कि इससे कानून की स्थिति बिगड़ सकती है और महिला सुरक्षा पर भी खतरा है। 

NGT ने इसी बात पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आखिर आप आदेश में बदलाव क्यों चाहते हैं। क्या आप इसको पर्यावरण के लिए कर रहे हैं या फिर इसका कोई और मकसद है। जब रिपोर्ट कहती है कि दो पहिया वाहनों से ज्यादा प्रदूषण होता है तो फिर आप अगर इसको छूट देते हैं तो आप हासिल क्या करना चाहते हैं। जब प्रदूषण उतना ही था तब भी आपने स्कूल खोल दिए, आखिर आप चाहते क्या हैं? NGT ने कहा, आप पेड़ों पर पानी छिड़क रहे हैं उससे प्रदूषण उस पर चिपक रहा है जो पेड़ और पौधों को मार देगा। जबकि आपकी कोशिश होनी चाहिए थी कि प्रदूषण के कण नीचे आएं। क्या आपके लिए मजाक है ये कि आप किसी को भी अपने मन मुताबिक छूट दे देंगे।

NGT ने सरकार से कहा है कि आखिर क्यों छोटे बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दिल्ली में फैली इस जहरीली चादर से सबसे ज्यादा नुकसान सिर्फ बच्चों को हुआ है। बच्चे मास्क पहनकर स्कूल जाने पर मजबूर हो गए हैं। अगर बच्चों को कोई गिफ्ट नहीं दे सकते तो ये जहरीला धुआं भी गिफ्ट ना करें।

बता दें कि इतनी फटकार लगने के बाद भी दिल्ली सरकार जाग नहीं पाई है। दिल्ली में स्मॉग पहले से ही अपने चरम पर था। स्थिति खराब थी। फिर भी यहां मैच कराया गया। BCCI के इस फैसले पर भी दिल्ली सरकार ने कोई विरोध दर्ज नहीं कराया। अब देखना ये है कि NGT की फटकार के बाद दिल्ली सरकार क्या कदम उठाती है। 

 

Created On :   4 Dec 2017 2:30 PM IST

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