तीसरी शादी के लिए पति ने कहा- तलाक तलाक तलाक, महिला पहुंची हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीन तलाक (तलाक-ए-इद्दत) के जरिए विवाह समाप्त किए जाने के विरोध में एक मुस्लिम महिला ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में महिला ने दावा किया है कि उसके पति ने उसकी अनुपस्थिति में काजी की मदद से अवैध तरीके से तलाक दिया है, क्योंकि वह तीसरी बार शादी करना चाहता है। याचिका में महिला ने कहा है कि तलाकनामे में उसके अगूठे का निशान फर्जी लिया गया है। इसलिए उसके तलाक को रद्द किया जाए।
पति की ओर से दिया गया तलाक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
महानगर के पश्चिमी उपनगर नालासोपारा इलाके में रहनेवाली महिला की याचिका के मुताबिक पति की ओर से दिया गया तलाक उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में महिला ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय की प्रथा निकाह हलाला को असंवैधानिक घोषित किया जाए। इसके साथ ही अदालत केंद्र सरकार को इस तरह के निकाह को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दुष्कर्म माने। याचिका में महिला ने अपने पति पर बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया है।
क्या है तीन तलाक ?
तलाक ए बिद्दत (ट्रिपल तलाक) के तहत जब एक व्यक्ति अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोल देता है, या फोन, मेल, मैसेज या पत्र के जरिए तालक देता है, तो इसके बाद तुरंत तलाक माना जाता है। रिवाजों के मुताबिक इसे निरस्त नहीं किया जाता। ट्रिपल तालक, जिसे तालाक-ए-बिद्दात, तत्काल तलाक और तालक-ए-मुघलाजाह (अविचल तलाक) के रूप में भी जाना जाता है। इस्लामिक तलाक का एक रूप है। जिसे भारतीय मुसलमानों द्वारा इस्तेमाल किया गया है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा था कि 3:2 के बहुमत से दर्ज की गई अलग-अलग राय के मद्देनजर‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।
Created On :   30 Jan 2018 8:16 PM IST