HIV मरीजों की संख्या में देहरादून और नैनीताल सबसे पहले

डिजिटल डेस्क, देहरादून. उत्तराखंड में एड्स की रोकथाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी एचआइवी/एड्स पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रह है। इनमें बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। अगर इस वर्ष की बात करें तो आलम यह है कि देहरादून जैसे सुविधा संपन्न शहर में भी जिन मरीजों का पता चला उनमें करीब आधी महिलाएं हैं।
उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर के साथ ही हरिद्वार जैसे जिलों में ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है, लेकिन सबसे जरुरी बात ये है कि पहाड़ी जिले भी इनमें पीछे नहीं हैं। पौड़ी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भी यह संख्या काफी ज्यादा है।
हालांकि एड्स प्रभावितों को रोगमुक्त नहीं किया जा सकता, लेकिन समय-समय पर एंटी रेट्रो वायरल दवाएं देकर और काउंसलिंग कर उनकी आयु बढ़ाई जा सकती है। राज्य निर्माण के 17 साल बाद भी एचआइवी/एड्स के साथ जी रहे लोगों को सरकार एआरटी केंद्र तक हर माह आने-जाने की निश्शुल्क सुविधा नहीं दे सकी है, लिंक एआरटी केंद्र जरूर खोल दिए गए हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में घर से दूरी अधिक होने की वजह से भी कई लोग जांच कराने के लिए तय सेंटर पर नहीं पहुंच पाते। बीमारी बढ़ने का ये भी एक खास कारण है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि एड्स नियंत्रण के लिए लगातार जनजागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें कई एनजीओ का भी सहारा लिया जा रहा है।
इस पर अपर परियोजना निदेशक (उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति) डॉ. वीएस टोलिया का कहना है कि उत्तराखंड में संक्रमण दर 0.12 फीसदी है। बीते वर्षों में एड्स काफी हद तक नियंत्रित हुआ है। अब नए मरीजों की तादाद में कमी आ रही है। समिति लगातार जागरूकता अभियान चला रही है।"
जिलावार एड्स रोगियों की संख्या
देहरादून-------------2755
नैनीताल-------------1127
हरिद्वार---------------713
ऊधमसिंहनगर--------574
पौड़ी गढ़वाल----------327
पिथौरागढ़-------------211
अल्मोड़ा---------------162
बागेश्वर---------------120
रुद्रप्रयाग--------------118
चंपावत-----------------97
चमोली------------------87
टिहरी गढ़वाल----------79
उत्तरकाशी--------------45
Created On :   1 Dec 2017 9:55 PM IST