World Diabetes Day : महिलाओं पर केन्द्रित है इस साल की थीम, ऐसे रखें खुद का खयाल

World Diabetes Day 2017 : This years theme is focused on women
World Diabetes Day : महिलाओं पर केन्द्रित है इस साल की थीम, ऐसे रखें खुद का खयाल
World Diabetes Day : महिलाओं पर केन्द्रित है इस साल की थीम, ऐसे रखें खुद का खयाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्वभर में 14 नवंबर वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में मनाया जाता है। देखा जाए तो ये कोई बीमारी नहीं है, इसमें बस शरीर में इंसुलिन कम बनता है, जिसके लिए इंसुलिन इंजेक्शन से दिया जाता है। वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर हर साल एक थीम घोषित की जाती है, जिसके आधार पर डायबिटीज के हर पहलू पर काम किया जाता है। इस साल थीम ‘स्त्री और मधुमेह’ रखी गई।

मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. अजय कडूसकर के अनुसार विश्वभर में 199 करोड़ महिलाएं मधुमेह से ग्रस्त हैं। आने वाले समय में यह आंकड़ा 313 करोड़ तक पहुंच सकता है। गरीबी, पुरुष प्रधान संस्कृति में महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, जिसके इलाज में ढिलाई के कारण महिलाओं में डायबिटीज के लक्षण बढ़ते जा रहे हैं।


महिला मृत्यु का आठवां कारण मधुमेह है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में मधुमेह के बुरे प्रभाव ज्यादा दिखाई देते हैं। गर्भावस्था में रक्त शर्करा का प्रमाण बराबर रखना होने वाले बच्चों के लिए जरूरी होता है। गेस्टेशनल डायबिटीज (जीडीएम) गर्भावस्था में होनेवाला मधुमेह है। इसके मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। मधुमेह नियंत्रण की दवाएं गर्भावस्था में नहीं ली जाती। इसलिए सही आहार के साथ इंसुलिन लेना आवश्यक है। इसे नियंत्रित करने के लिए व्यायाम, डॉक्टर की सलाह, समय पर दवाओं का सेवन, जांच, शुगर टेस्ट करते रहना जरूरी हैं।

राज्य के 17 जिलों में 5 लाख मरीज मधुमेह से पीड़ित

प्रदेश के 17 जिलों में एनपीसीडीसीएस (राष्ट्रीय कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और आघात रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम) के तहत हुई स्क्रीनिंग टेस्ट में मधुमेह के 5 लाख मरीज पाए गए हैं, जबकि लगभग 6.50 लाख मरीज उच्च रक्तचाप के शिकार हैं। साल 2011-12 से NPCDCS कार्यक्रम के तहत अमरावती, भंडारा, वर्धा, लातूर, परभणी, नांदेड़  सातारा, सिंधुदुर्ग समेत 17 जिलों में मधुमेह सहित अन्य रोगों की स्क्रीनिंग शुरू है। इसके तहत इन 17 जिलों में अभी तक 1 करोड़ 62 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।


सोमवार को NPCDCS के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉक्टर बालू मोटे ने डायबिटीज के बारे में जानकारी दी। मोटे ने कहा कि NPCDCS कार्यक्रम अब पूरे राज्य भर के लिए लागू किया जा रहा है। इसके तहत हर जिले में स्क्रीनिंग के कार्यक्रम शुरू होंगे। अगले फरवरी-मार्च तक स्क्रीनिंग का काम पूरा किया जाएगा। इसके लिए आशा कार्यकर्ता सहित अन्य डॉक्टरों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है।


विश्व मधुमेह दिवस पर मंगलवार से हर जिले में सप्ताह भर कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम लागू करने में वर्धा जिला अव्वल रहा है, जबकि परभणी जिले का प्रदर्शन सबसे खराब पाया गया है। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सल प्रोग्राम में राज्य के चार जिले वर्धा, भंडारा, सातारा और सिंधुदुर्ग शामिल हैं। इन चारों जिलों में 30 साल से अधिक उम्र वाले सभी नागरिकों का स्क्रीनिंग किया जा रहा है, जिसमें मधुमेह के अलावा मुंह, गर्भाशय और स्तन कैंसर की जांच की जाती है। अभी तक 1 लाख लोगों की जांच की गई है, जिसमें 4 हजार मधुमेह और उच्च रक्तचाप के 5 हजार मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि वर्धा की लगभग 11 लाख आबादी है। इसमें से 5.50 लाख लोग 30 साल से ज्यादा आयु के हैं। यहां पर इन सभी की लोगों की स्क्रीनिंग पूरी की जा चुकी है।

Created On :   13 Nov 2017 11:54 PM IST

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