बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन थीम पर मनाया जा रहा विश्व पर्यावरण दिवस

बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन थीम पर मनाया जा रहा विश्व पर्यावरण दिवस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 1974 से विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी और इसे दुनिया के करीब 100 से भी ज्यादा देशों में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस को मनाने की हर देश अपनी एक थीम रखता है। देश में साल 2018 की थीम "बीट प्लास्टिक पलूशन" रखी गई है और भारत इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का ग्लोबल होस्ट है। मंगलवार (5 जून) को सरकार, विभिन्न समुदायों और आम जनता से मिलकर प्लास्टिक से निपटने का अनुरोध किया जा रहा है। जिससे विकल्प तलाश कर प्लास्टिक उत्पादन में कमी लाई जा सके। ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक नेता और संस्थापक सद्गुरु जगगी वासुदेव ने विश्व पर्यावरण दिवस की सराहना की और कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र समेत कई अन्य लोगों  पर्यावरण के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक और वायु प्रदूषण का उपयोग "जीवन के खिलाफ हिंसा" है।

 

 

उन्होंने कहा, यह एक नया मिशन नहीं है और यह हमेशा ही संयुक्त राष्ट्र सहित कई अन्य लोगों के लिए चिंता का विषय रहा है। लेकिन अब इस दिशा में एक ठोस कार्रवाई की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में जागरूकता बढ़ रही है। लेकिन लोग जीवन में प्लास्टिक के साथ ही प्रदूषित वायु का उपयोग कर रहे है। यह चिंता आमतौर पर बढ़ी है क्योंकि जब तक लोगों को पता नहीं चलेगा इसके बारे में हम वास्तव में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। सद्गुरु जगगी वासुदेव ने बताया कि ईशा फाउंडेशन "रैली फॉर रिवर" के रूप में दुनिया भर में इन घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। 

 

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ईशा फाउंडेशन ने बनाया था विश्व रिकॉर्ड

सद्गुरु द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन एक लाभ-रहित मानव सेवा संस्थान है, जो लोगों की शारीरिक, मानसिक और आतंरिक कुशलता के लिए समर्पित है। यह दो लाख पचास हजार से भी अधिक स्वयंसेवियों द्वारा चलाया जाता है। इसका मुख्यालय ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में है। ग्रीन हैंड्स परियोजना ईशा फाउंडेशन की पर्यावरण संबंधी प्रस्ताव है। इस संगठन ने 17 अक्टूबर 2006 को तमिलनाडु के 27 जिलों में एक साथ 8.52 लाख पौधे रोपकर गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाया था। पर्यावरण सुरक्षा के लिए किए गए इसके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इसे वर्ष 2008 का इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार दिया गया। वर्ष 2017 में आध्यत्म के पदमविभूषण से भी समानित किया गया। अभी वे रैली फ़ॉर रिवर नदियों के संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं।

Created On :   5 Jun 2018 10:11 AM GMT

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