वर्ल्ड टाइगर डे: पढे़ं भारत के टाइगर की कहानी

World Tiger Day: Read the tiger story of India
वर्ल्ड टाइगर डे: पढे़ं भारत के टाइगर की कहानी
वर्ल्ड टाइगर डे: पढे़ं भारत के टाइगर की कहानी
हाईलाइट
  • एक समय टाइगर स्टेट था एमपी।
  • भारत समेत विश्व भर में मनाया जा रहा है टाइगर दिवस।
  • विश्व टाइगर दिवस आज।

डिजिटल डेस्क,भोपाल। आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है। पूरे विश्व में आज यानी की 29 जुलाई को बाघों के संरक्षण के प्रति जागरुकता लाने और बाघों के अवैध शिकार को रोकने के उद्देश्य से Tiger Day मनाया जाता है। टाइगर भारत के लिए और भी खास है क्योंकि ये हमारा राष्ट्रीय पशु है। एक समय देश के जंगलों में टाइगर बड़ी संख्या में रहा करते थे, हां ये बात और है की जब हमारे देश के जंगल भी काफी बड़े थे। मानवीय अतिक्रमण के चलते जहां जंगल सिमटते जा रहे हैं वहीं जंगली जानवरों की प्रजातियां भी खतरे में है। शहर जंगलों के इतने करीब आ गए हैं की मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के आस पास के इलाकों में अक्सर बाघ चहलकदमी करते नज़र आ जाते हैं। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान अक्सर कहते हैं कि हमारे यहां इतने बाघ हैं की कभी-कभी तो उनसे हैंडसेक हो जाता है, लेकिन अफसोस वास्तविक स्थिति इतनी बेहतर नही है। एक समय में मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट कहा जाता था लेकिन अब ये ताज भी उससे छिन गया है।

शानदार जानवर बाघ
-बाघ बहुत ही शातिर शिकारी होते हैं, जब ये शिकार करते हैं तो चूक की संभावना कम ही होती है।
-बाघों के पैर बेहद मजबूत होते हैं, इतने मजबूत की बाघ मरने के बाद भी खड़ा रह सकता है।
-बाघ 5 मीटर की उंचाई से कूद सकते हैं और 6 मीटर तक की चौड़ाई छलांग मारकर फांद सकते हैं।
-बाघ का वजन 300 किलो तक हो सकता है, वहीं बाघ का दिमाग 300 ग्राम का होता है।
-बाघ का जमीन के साथ पानी में भी कोई मुकाबला नही है वो आराम से 6 किमी तक तैर सकते हैं।
-बाघ के दांत ही उसकी जान होते हैं इन्ही से वो अपने शिकार को मारता है,अगर ये टूट जाये तो बाघ की मौत भी हो सकती है।
-बाघ की दहाड़ दो किमी दूर तक सुनाई दे सकती है।

लेकिन अब टाइगर का अस्तित्व खतरे में है
एक अनुमान के मुताबिक, विश्व भर में मात्र 3,200 बाघ ही बचे हैं, बाघों का अस्तित्व अब खतरे में है। पर्यावरणविदों का मानना है कि अगर बाघों की ऐसे ही संख्या घटती रही तो आने वाले दो दशकों में विश्व से बाघों की सारी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी।

 


कभी एमपी था टाइगर स्टेट अब कर्नाटक
2013 तक मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त था लेकिन इसके बाद कर्नाटक को यह दर्जा मिल गया। मध्यप्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व समेत 11 नेशनलपार्क हैं । फिलहाल आधुनिक तरीकों से बाघों की गणना की जा रही है और सरकार को उम्मीद है की मध्यप्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा  फिर से मिल सकता है

 

भारत में भी खतरे में बाघ
टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है लेकिन इसके बावजूद भारत में लंबे समय तक बाघों का अवैध शिकार होता रहा है। भारत में अब बाघों की कुल संख्या 1,706 है। भारत सरकार समेत राज्य सरकारें टाइगरों को बचाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। कुछ जगहों में बाघों की संख्या में सुधार राहत देने वाली बात जरूर है लेकिन फिर भी देश में बाघों की संख्या संतोषजनक नही है। सरकार को निरंतर बाघों के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहना पड़ेगा साथ ही कोशिशों में तेजी भी लानी होगी तभी हम अपने देश की पहचान टाइगर को बचा पाएंगे।  


 

Created On :   29 July 2018 12:58 PM IST

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