- दिल्ली हिंसा को लेकर अब तक कुल 22 केस दर्ज, एफआईआर में कई किसान नेताओं का ज़िक्र
- राकेश टिकैत ने ली ट्रैक्टर परेड की जिम्मेदारी, कहा- लाल किले पर झंडा किसने लगाया? जवाब दे सरकार
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज होगी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
- दिल्ली हिंसा: 3 और FIR दर्ज, पुलिस बोली- जैसे-जैसे शिकायत आएगी, कार्रवाई होगी
- दिल्ली: ITO से कनॉट प्लेस और इंडिया गेट जाने वाला रास्ता बंद, मिंटो रोड से कनॉट प्लेस पर भी पाबंदी
भारत-चीन की दोस्ती की बुनियाद बन सकता है यांग्से

हाईलाइट
- लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास स्थित है यांग्से गांव
- यहां के पवित्र स्थल दोनों देशों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र हैं
- सिर्फ एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा है अरुणाचल प्रदेश का यांग्से गांव
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास स्थित यांग्से दोस्ती की कड़ी बन सकता है। यांग्से के दोनों तरफ कई धार्मिक स्थल हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए काफी महत्व रखते हैं। भारतीय क्षेत्र में 108 झरने हैं, जिन्हें तिब्बती संस्कृति में पवित्र माना गया है।
वहीं चीनी क्षेत्र में कई गुफाएं हैं, जिन्हें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास रह रहे दोनों तरफ के लोग पवित्र स्थल मानते हैं। ऐसे में भारत सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा है कि दोनों तरफ के लोगों को इन पवित्र स्थानों पर आने की इजाजत मिलनी चाहिए। इसके जरिए दोनों देशों के संबंध बेहतर होने की भी उम्मीद है। यांग्से सिर्फ एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा है। इसे सड़क मार्ग से जोड़ने का भी काम चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं ने भी इसे आम लोगों के लिए खोलने की बात कही है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि चीन को प्रस्ताव भेजा है और इस पर विचार चल रहा है। दोनों देशों के संबंध बेहतर बनाने के लिहाज से माना जा रहा है कि धार्मिक स्थलों पर टूरिजम को बढ़ावा देने से रिश्ते बेहतर होंगे।
ज्ञात हो कि डोकलाम विवाद के बाद अप्रैल 2018 में चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक अनौपचारिक समिट में मुलाकत हुई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के लिए गाइड लाइन्स तय की थीं। इस महीने भी दोनों देशों के प्रमुख भारत में इसी विषय को लेकर मुलाकात करेंगे। 2017 में डोकलाम फेसऑफ के बाद दोनों देश संबंध बेहतर करने की कवायद में लगे हैं।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।