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भारत-चीन की दोस्ती की बुनियाद बन सकता है यांग्से

हाईलाइट
- लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास स्थित है यांग्से गांव
- यहां के पवित्र स्थल दोनों देशों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र हैं
- सिर्फ एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा है अरुणाचल प्रदेश का यांग्से गांव
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास स्थित यांग्से दोस्ती की कड़ी बन सकता है। यांग्से के दोनों तरफ कई धार्मिक स्थल हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए काफी महत्व रखते हैं। भारतीय क्षेत्र में 108 झरने हैं, जिन्हें तिब्बती संस्कृति में पवित्र माना गया है।
वहीं चीनी क्षेत्र में कई गुफाएं हैं, जिन्हें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास रह रहे दोनों तरफ के लोग पवित्र स्थल मानते हैं। ऐसे में भारत सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा है कि दोनों तरफ के लोगों को इन पवित्र स्थानों पर आने की इजाजत मिलनी चाहिए। इसके जरिए दोनों देशों के संबंध बेहतर होने की भी उम्मीद है। यांग्से सिर्फ एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा है। इसे सड़क मार्ग से जोड़ने का भी काम चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं ने भी इसे आम लोगों के लिए खोलने की बात कही है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि चीन को प्रस्ताव भेजा है और इस पर विचार चल रहा है। दोनों देशों के संबंध बेहतर बनाने के लिहाज से माना जा रहा है कि धार्मिक स्थलों पर टूरिजम को बढ़ावा देने से रिश्ते बेहतर होंगे।
ज्ञात हो कि डोकलाम विवाद के बाद अप्रैल 2018 में चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक अनौपचारिक समिट में मुलाकत हुई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के लिए गाइड लाइन्स तय की थीं। इस महीने भी दोनों देशों के प्रमुख भारत में इसी विषय को लेकर मुलाकात करेंगे। 2017 में डोकलाम फेसऑफ के बाद दोनों देश संबंध बेहतर करने की कवायद में लगे हैं।