MP Police Constable Recruitment Fraud: आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 22 उम्मीदवारों में से 21 पर केस दर्ज

- पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी पर मोहन यादव की प्रतिक्रिया
- सीएम ने कहा- आरोपियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
- 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवार हुए थे परीक्षा में शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मप्र पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 में हुई गड़बड़ी को लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भर्ती में अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाही की जाएगी। भोपाल में शनिवार को पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मप्र पुलिस आरक्षक (जीडी व रेडियो) के पदों भर्ती के लिए वर्ष 2023 में ऑनलाईन लिखित परीक्षा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल ने ली थी। इसमें 6 लाख 52 हजार 57 उम्मीदवार शामिल हुए थे।
प्रक्रिया के द्वितीय चरण में लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवार 55,220 अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा चयन शाखा ने 16 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच आयोजित की थी। इसमें कुल 6423 अभ्यर्थी (5090 पुरूष एवं 1333 महिला) का चयन किया गया था।
द्वितीय चरण के शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान नवम्बर 2024 में परीक्षा केन्द्र मुरैना में 05 अभ्यर्थियों द्वारा अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्तियों को परीक्षा में शामिल होने भेजा, जिन्हें संदिग्ध पाया और परीक्षा में शामिल नहीं करते हुए उनके खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई। इस अनुभव के आधार पर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अंतिम परिणाम जारी होने के उपरांत सभी सफल अभ्यर्थियों का चरित्र सत्यापन एवं नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उनकी आवंटित इकाईयों से बायोमेट्रिक एवं आधार हिस्ट्री की जांच दोबारा कराने के लिए 21 अप्रैल 2025 को निर्देश दिए गए। जांच के बाद अभी तक कुल 22 उम्मीदवारों पर 21 प्रकरण दर्ज किए गए है। इनमें मुरैना में 7, शिवपुरी में 6, श्योपुर में 2 तथा इंदौर, दतिया, ग्वालियर, अलीराजपुर, राजगढ तथा शहडोल में 1- 1 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये।
अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच में कुछ जिले में संदिग्ध रूप से भिन्नता पाये जाने पर बारीकी से जांच कराई गई, जिसमें यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा के पूर्व अपना आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया था तथा लिखित परीक्षा के ठीक बाद उनके द्वारा पुनः आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन कराया गया। ऐसे अभ्यर्थियों पर संदेह के आधार पर इनकी जांच कराई गई, जिसमें इनके हस्ताक्षर नूमना, हस्तलिपि, फिंगर प्रिंट लिये गये। साथ ही परीक्षा के दौरान इनके द्वारा दिये गये फिंगर प्रिंट, हस्तलिपि, के नमूने को प्राप्त कर उनकी जांच कराई गई। अभ्यर्थियों की वास्तविक लोकेशन के संबंध में तकनीकी रूप से भी जांच कराई गई, जिसमें भिन्नता पाये जाने पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये।
अंशुमान ने बताया कि विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आये हैं कि कुछ आधार कार्ड बेण्डरों द्वारा अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अभ्यर्थियों के आधार कार्ड को बिना पूरी तरह जांच किये संसोधन के लिए अपने सिस्टम में अपलोड किया गया था। आरोपियों द्वारा इस प्रक्रिया का लाभ उठाते हुए अपराध कारित किया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश के निर्देशन में चयन शाखा तथा अन्य शाखाओं के द्वारा इन सभी प्रकरणों में लगातार निगाह रखी जाकर मैदानी इकाईयों को आवश्यक मार्गदर्शन दिये जा रहे हैं।
योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं- सीएम
पुलिस आरक्षक भर्ती -2023 की प्रक्रिया में फर्जीवाड़े एवं अनियमितता की सूचना मिलने पर मेरे द्वारा सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस प्रकार के आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या इम्परसोनेशन पाए जाने पर अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।
Created On :   8 Jun 2025 4:08 PM IST