मोदी सरकार का 'थरूर प्रेम' क्यों?: शशि थरूर को मोदी सरकार से डेलीगेशन में शामिल करने के सियासी मायने? क्या दक्षिण भारत में एंट्री के लिए बीजेपी को मिला तुरूप का इक्का!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर को ऑल पार्टी डेलीगेशन में शामिल किया है। हालांकि, कांग्रेस ने जिन चार लोगों की लिस्ट मोदी सरकार को सौपी थी, उसमें एक भी नेता को डेलीगेशन में शामिल नहीं किया गया है और भारत सरकार ने कांग्रेस की ओर से शशि थरूर को बड़ा मौका दिया है। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि शशि थरूर ऑल पार्टी डेलीगेशन में कैसे शामिल हो गए हैं? साथ ही, यह भी समझने की कोशिश करते हैं कि इसके पीछे की राजनीतिक मायने क्या हो सकते हैं?

पाकिस्तान और आतंकवाद को दुनिया में कड़ा संदेश देने के लिए भारत सरकार ने 7 डेलीगेशन का ऐलान कर दिया है। जिसमें कांग्रेस की ओर से शशि थरूर का नाम शामिल है। हालांकि, यह नाम चौंकाने वाला है। क्योंकि, शुक्रवार के दिन कांग्रेस ने जिन चार लोगों के नाम सरकार को भेजे थे। उसमें से एक भी नाम को शामिल नहीं किया गया है।

कांग्रेस की लिस्ट से ऊपर जाकर मोदी सरकार ने थरूर को मौका दिया है। शशि थरूर फर्राटेदार इग्लिश बोलने में माहिर है। वह विदेश मामले में भी अच्छी जानकारी रखते हैं। इसके अलावा वह यूएन के अंदर भी काम कर चुके हैं। अगर सब कुछ ठीक रहता तो वह यूएन के पहले भारतीय जनरल सेक्रेटरी भी बन सकते थे।

राजनीतिक मायने

हाल के दिनों में देखा गया है कि शशि थरूर मोदी सरकार के पक्ष में बयान दिया है। साथ ही, कई मौकों पर थरूर मोदी सरकार की तारीफ भी करते नजर आ चुके हैं। इसके अलावा बीजेपी से उनकी नजदीकियां काफी बढ़ी है। जिससे लेकर कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने भी आपत्ति जताई है।

बीजेपी का 'थरूर प्रेम' क्यों?

दक्षिण की राजनीति में थरूर की बेहतरीन पकड़ है और केरल में उनका नाम कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल है। बता दें कि, कई बार कयास लगाए जाते रहे हैं कि थरूर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। जिससे कांग्रेस को काफी नुकसान हो सकता है। वहीं, बीजेपी को साउथ इंडिया में राजनीति करने में पहले से ज्यादा आसानी हो सकती है।

डेलीगेशन में किन-किन नेताओं को मिला मौका?

ऑल पार्टी डेलीगेशन में कांग्रेस से शशि थरूर, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडीयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नाम हैं।

ये सभी नेता दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखेंगे। साथ ही, पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ फैलाए गए प्रोपगेंडा का भी जवाब देंगे। इसके अलावा ये नेता हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में भी दुनिया को जानकारी देंगे।

शशि थरूर के नाम पर कांग्रेस ने जाहिर की नाराजगी

थरूर को डेलीगेशन में शामिल करने के बाद कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से प्रतिनिधिमंडल समूह के लिए दिए गए नामों में शशि थरूर का नाम नहीं था। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की और पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख़ स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए 4 सांसदों के नाम देने को कहा।" जयराम रमेश ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर तक चार नाम दिए गए। जिनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम थे।

थरूर की प्रतिक्रिया

डेलीगेशन लिस्ट में अपना नाम शामिल होने पर शशि थरूर ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा- हाल की घटना पर अपने देश का नज़रिया रखने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात राष्ट्रीय हित की हो और मेरी सेवाओं की ज़रूरत हो, तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा।

6 दल से कुल सात नेताओं को शामिल किया गया है। ये सभी नेता दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पक्ष रखेंगे। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी अपनी राय दुनिया के सामने रखेंगे। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में भी दुनिया को जानकारी देंगे।

Created On :   17 May 2025 6:05 PM IST

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