दिल्ली: टॉप कोर्ट ने नकली नोट छापने के केस में बुल्गारियाई युवक को जमानत देने से किया इनकार

टॉप कोर्ट ने नकली नोट छापने के केस में बुल्गारियाई युवक को जमानत देने से किया इनकार
  • यू-ट्यूब पर नकली नोट छापना सीखा था
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
  • बुल्गारियाई सेना में कर चुका है नौकरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली नोट छापने का रैकेट चलाने के केस में आरोपी बुल्गारियाई युवक को जमानत देने से इनकार कर दिया। टॉप कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे कृत्य से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचता है। आपको बता दें बुल्गारियाई युवक रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव को 21 जून 2023 को आठ लाख रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप गुरुग्राम के पालम विहार में यूनिट लगाकर बेफ्रिक होकर से नकली नोट छाप रहा था। वह दिल्ली व गुरुग्राम में 70 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट खपा चुका था।

आरोपी युवक ने शीर्ष कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ जमानत की याचिका से सहमत नहीं हुई। पीठ ने कहा कि ऐसे कृत्य अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण तत्वों को नष्ट कर देते हैं। इस केस में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती।

रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव बुल्गारिया में अपनी स्कूली शिक्षा के बाद वह 1996 में बुल्गारियाई सेना में शामिल हो गया और 6 वर्ष तक वहां सेवा की। 2018 में व्यवसाय की संभावना तलाशने के लिए भारत में गोवा का दौरा किया। 2019 में रुस्लान फिर भारत आया और डोनट्स का बिजनेस शुरू किया, लेकिन कारोबार अच्छा नहीं चला। इसके बाद ये जालसाजी के गोरखधंधे करने लगा। पुलिस पूछताछ में उसने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा बताया। आरोपी ने यूट्यूब पर नकली नोट छापने की तकनीक सीखी थी।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 मार्च को बुल्गारियाई युवक की बेल याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मेटोडीव जालसाजी में शामिल था। डिजिटल और फॉरेंसिक साक्ष्य, एसएसडी से बरामद वीडियो फाइल आरोपों को साबित कर रहे थे। हाईकोर्ट ने कहा था आरोपों की गंभीर प्रकृति और दोषी पाए जाने पर लंबी सजा की संभावना को देखते हुए यह साफ है कि आवेदक जमानत पर रिहा होने पर फरार हो सकता है।

Created On :   18 Jun 2025 3:50 PM IST

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