ट्रेन हादसा: 36 घंटे बीत जाने के बाद भी लावारिस हालात में पड़े हैं 100 से ज्यादा शव, भुवनेश्वर एम्स भेजे जा रहे

ट्रेन हादसा: 36 घंटे बीत जाने के बाद भी लावारिस हालात में पड़े हैं 100 से ज्यादा शव, भुवनेश्वर एम्स भेजे जा रहे
  • शव को भुवनेश्वर एम्स भेजा जा रहा
  • शवों की पहचान के लिए फॉरेंसिक टेस्ट होगी

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। बालासोर के बहनागा में हुए ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है। तमाम मुश्किलों के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन कर लिया गया है। इस भीषण हादसे में 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं जबकि कुछ यात्रियों के हालत नाजूक बताए जा रहे हैं जिन्हें फौरान उपचार देने के लिए अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम तैनाती की गई है। लेकिन इन सबसे अलग कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं जिसे सुन एवं देख कर दिल दहल जा रहा है। घटना वाले स्थान से थोड़ी ही दूर उन तमाम लाशों को रखा गया है जो इस हादसे का शिकार हुई हैं। लेकिन अब ये शव सड़ने लगे हैं। जिसको देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि इसे राजधानी भुवनेश्वर ले जाया जाएगा। जब तक शव की पहचान नहीं हो जाती तब तक इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

जानकारी के मुताबिक, घटनास्थल के कुछ ही दूरी पर बहनागा में एक हाई स्कूल है। रेस्क्यू करने पर पास में स्कूल देख सारे शवों को वहां ले जाया गया क्योंकि इतनी संख्या में शवों को रखने के लिए कोई जगह नहीं थी। जिसको देखते हुए हाई स्कूल को चुना गया था। शवों की पहचान करने के लिए परिजन आ रहे हैं फिर भी 100 से ज्यादा ऐसी डेड बॉडी पड़ी हुई हैं जिनको पूछने वाला कोई नहीं है। लावारिस हालत में पड़े शव अब सड़ने लगे हैं। 36 घंटे से अधिक हो चला लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में शव स्कूल में पड़े हुए हैं। जिस पर प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए इन शवों को भुवनेश्वर एम्स भेजा रहा है ताकि शवों को सड़ने से बचाया जा सके।

शव को देख चश्मदीद ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल में 163 शव हैं इनमें से करीब 30 की उनके रिश्तेदारों द्वारा पहचान की जा चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल में शवों को उठाने में 100 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं। जिनमें नगर निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने उन्हीं में से एक राजेंद्र नाम के एक शख्स के हवाले से बताया कि, क्षत विक्षत शवों को उठाना मुश्किल काम है उनके बिलखते परिजनों को देखना ज्यादा तकलीफदेह है। राजेंद्र ने एक्सप्रेस को बताया कि, कुछ शव कई टुकडों में कट गए हैं, जबकि कुछ को बिजली के झटके लगे हैं जिनसे उनकी पहचान करना मुश्किल काफी हो रहा है। वहीं जिन शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है उसके लिए राज्य सरकार ने फॉरेंसिक टेस्ट करवाने का निर्णय लिया है ताकि उनका पहचान करके शवों को परिजनों को सौंपा जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री भुवनेश्वर पहुंचे

आपको बता दें कि, केंद्र सरकार के तमाम मंत्री दुर्घटना स्थल का जायजा ले रहे हैं। साथ ही वो अलग-अलग अस्पताल में पहुंच कर घायलों की स्थिति समझने की कोशिश कर रहे हैं। आज सुबह-सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भुवनेश्वर पहुंचे हैं। जहां पर उन्होंने मीडिया से कहा कि, रेल दुर्घटना में जख्मी लोगों को उत्तम उपचार मिल पाए इसके लिए दिल्ली एम्स के नेतृत्व में सभी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों को लेकर वायुसेना के विशेष विमान द्वारा एक टीम भुवनेश्वर पहुंची है। इस टीम के साथ आधुनिक उपकरण भी हैं ताकि इलाज में सहायता हो सके।

डॉक्टरों को धन्यवाद देता हूं- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

इस भीषण हादसे पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। आज सुबह भी वो घटनास्थल का मुआयना किया और ट्रैक को साफ कराने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि एक बार फिर पहले की तरह ही सामान्य स्थिति की जा सके। रेलवे मंत्री हॉस्पिटल जाकर घायलों की स्थिति जान रहे हैं। भद्रक अस्पताल में पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, भद्रक के सरकारी अस्पताल में करीब-करीब सभी मरीजों की अपने परिवार से बातचीत हो चुकी है। मैं भद्रक मेडिकल के सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों का धन्यवाद देना चाहूंगा। उन्होंने मरीजों की बहुत अच्छे से सेवा की है।

Created On :   4 Jun 2023 8:34 AM GMT

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