अमेरिकी हस्तक्षेप से नाराज विपक्ष: ट्रंप के ऑफर से शिवसेना (यूबीटी) को एतराज, संजय राउत ने भारत-पाक का बताया अंदरूनी मामला, केंद्र सरकार पर भी उठाए सवाल

- अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफर पर सियासत गरम
- डोनाल्ड ट्रंप के ऑफर पर शिवसेना (यूबीटी) ने जताई नाराजगी
- केंद्र सरकार पर भी उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पीओके के लिए मध्यस्थता कराने वाले ऑफर से देश असहमत है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के साथ एक बैठक करके कश्मीर मुद्दे पर समझौता कराने की पेशकश रखी है। इस पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सवाल उठाए हैं।
ट्रंप के हस्तक्षेप पर शिवसेना का विरोध
इस संबंध में शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने लिखा, "भारत एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है। किसी भी बाहरी देश को हमारे देश के मसलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। फिर भी अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया और भारत ने ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया।"
सामना में दावा किया गया कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक के बीच युद्धविराम का ऐलान किया, तब भारतवासियों और सेना तक को इसकी जानकारी नहीं थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सरपंच का यह अधिकार किसने दिया?"
पहलगाम आतंकी हमले पर दिया बयान
संजय राउत ने याद दिलाया, "1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया। भारत ने ट्रंप के दबाव के आगे झुककर युद्धविराम को मंजूरी दे दी, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हो गया है? देश को इसका जवाब नहीं मिला।"
सामना में आगे लिखा गया, "पाकिस्तान अभी भी उसी तरह खड़ा है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपनी जीत की घोषणा कर पहलगाम हमले में सिंदूर खोने वाली 26 बहनों के घावों पर नमक छिड़क दिया है। जहां यह सब हो रहा है, वहीं प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।"
Created On :   12 May 2025 1:28 PM IST