आरुषि मर्डर केस : माता-पिता कोर्ट से बरी, जानें कब-कब क्या हुआ

Allahabad HC likely to deliver verdict on Talwars plea today
आरुषि मर्डर केस : माता-पिता कोर्ट से बरी, जानें कब-कब क्या हुआ
आरुषि मर्डर केस : माता-पिता कोर्ट से बरी, जानें कब-कब क्या हुआ

डिजिटल डेस्क, इलाहाबाद।  2008 में नोएडा में हुए आरुषि और हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है, साथ ही उनकी उम्रकैद की सजा को भी रद्द कर दिया गया है। जैसे ही यह फैसला आया तो गाजियाबाद की डासना जेल में बंद तलवार दंपति भावुक हो गए। बता दें कि उम्रकैद की सजा काट रहे राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ  इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी।

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गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को राजेश और नुपुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इससे एक दिन पहले इन्हें दोषी ठहराया गया था। सीबीआई के इसी फैसले के खिलाफ तलवार दंपति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां से उऩ्हे सफलता हासिल हुई है।

कब-कब क्या हुआ

  • 16 मई, 2008 को आरुषि को उसके बेडरूम में मृत पाया गया था। उसका गला रेतकर हत्या की गई थी। शुरुआत में घरेलू नौकर 45 वर्षीय हेमराज पर ही आरुषि के मर्डर का शक था, लेकिन अगले ही दिन जलवायु विहार के उसी मकान की छत पर हेमराज का भी शव मिला।
  • इसके बाद पुलिस की जांच की सुई आरुषि के माता-पिता तलवार दंपती पर ही घूम गई। पुलिस ने कहा था कि आरुषि और हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में पाए जाने के बाद पिता राजेश तलवार ने ही दोनों की हत्या कर दी थी।
  • तलवार दंपती और उनके करीबियों ने पुलिस पर जांच को भटकाने का आरोप लगाया था।
  • पुलिस की जांच पर सवाल उठने के बाद तत्कालीन सीएम मायावती ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी।
  • अरुण कुमार के नेतृत्व वाली पहली सीबीआई टीम ने साइंटिफिक सबूतों के आधार पर तीन लोगों-डॉ. तलवार के कंपाउंडर और दो पड़ोस के घरेलू नौकरों राजकुमार और विजय मंडल को अरेस्ट किया था। लेकिन, एजेंसी इन पर चार्जशीट दाखिल करने में असफल रही और उन्हें छोड़ना पड़ा।
  • सीबीआई ने 2009 में मामले की जांच को नई टीम को सौंप दिया था, जिसने जांच में कई बड़ी खामियों के चलते केस को बंद करने की सिफारिश की।
  • सीबीआई अदालत ने केस को क्लोज करने की सिफारिश को खारिज कर दिया। कोर्ट ने मौजूद सबूतों के आधार पर तलवार दंपती के खिलाफ ही केस चलाने का आदेश दिया।
  • 26 नवंबर, 2013 को गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से ही दोनों गाजियाबाद की डासना जेल में है।
  • सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने तलवार दंपती की याचिका पर 7 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था और 12 अक्टूबर की तारीख तय की थी।

Created On :   12 Oct 2017 2:43 AM GMT

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