मकर संक्रांति पर भोजपुर मंदिर का विशेष महत्व, VIDEO में देखिए पूरा इतिहास

Bhojpur temple near of bhopal city special darshan on makar sankranti festival
मकर संक्रांति पर भोजपुर मंदिर का विशेष महत्व, VIDEO में देखिए पूरा इतिहास
मकर संक्रांति पर भोजपुर मंदिर का विशेष महत्व, VIDEO में देखिए पूरा इतिहास

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किमी दूर स्थित भोजपुर मंदिर भगवान शिव का एक एतिहासिक मंदिर है। यहां मंदिर में दुनिया का सबसे ऊंचा और विशालकाय शिवलिंग स्थापित है, जिसे राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था। बेतवा नदी के तट पर स्थित इस भोजपुर मंदिर का मकर संक्रांति के पावन पर्व पर बड़ा महत्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन बेतवा नदी में स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

जानकारी के अनुसार मकर संक्रांति का पावन त्योहार मनुष्य के जीवन में एक बदलाव के रूप में देखा जाता है। पौष मास में भगवान सूर्यदेव अपने पुत्र शनि देव से मिलने मकर राशि में पहुंचते हैं, तो मकर संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति पर नर्मदा, गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को जल चढ़ाने का महत्व माना जाता है। इस पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है।

मकर संक्रांति पर भव्य मेला
मकर संक्रांति पर भोजपुर मंदिर में विराजमान विशाल शिवलिंग के दर्शन का बड़ा महत्व है। यहां मकर संक्रांति के पर्व पर विशाल मेला भी लगता है। यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालू भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर का महाशिवरात्रि पर भी एक भव्य और विशाल मेला लगता है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति पर यहां स्थित बेतवा नदी में स्नान कर भगवान के दर्शन करने से मोक्ष प्राप्त होता है।

पश्चिम दिशा की ओर सम्मुख यह मंदिर 106 फीट लंबा, 77 फीट चौड़ा और 17 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। इस मंदिर के अंदर गर्भगृह की अधूरी छत 40 फीट ऊंचे और विशालकाय स्तंभ और बाहर अर्ध्द स्तंभों पर आधारित है। गर्भगृह की दोनों शाखाएं नदी देवी गंगा और यमुना से अलंकृत हैं।

Created On :   14 Jan 2018 1:10 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story