बिहार में एईएस पीड़ित परिवारों के बच्चे अब जाएंगे स्कूल
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने इस संबंध में मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को निर्देश दिया है कि एईएस प्रभावित क्षेत्रों में एईएस पीड़ित परिवारों को चिन्हित कर उनके बच्चों को स्कूलों में नामांकन कराएं।
राज्य स्तर से इसके लिए अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। जिले में एईएस से अति प्रभावित क्षेत्र के रूप में बोचहां, कांटी, मीनापुर, मोतीपुर और मुशहरी प्रखंड चयनित किए गए हैं।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर के डीईओ इन बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराने के लिए पहले ऐसे बच्चों की पहचान करेंगे, जो एईएस प्रभावित परिवारों के हैं और जिनका नामांकन अब तक स्कूलों में नहीं हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि उम्र के अनुसार ऐसे बच्चों का वगरें (कक्षाओं) में नामांकन कराया जाएगा। अगर चिन्हित बच्चे उम्र के हिसाब से नामांकन कराने के समय दक्ष नहीं होंगे तो उन्हें दक्ष बनाने के लिए प्रखंड में आवासीय या गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा और उस अनुरूप दक्ष बनाया जाएगा। इन बच्चों को स्कूल में मिल रही सुविधाओं के मुताबिक पोशाक, छात्रवृत्ति की राशि भी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एईएस प्रभावित परिवारों को सामाजिक, आर्थिक सहयोग देने के लिए एक सर्वेक्षण करवाया था। इसके बाद राज्य के छह विभागों को अलग-अलग निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि राज्य के मुजफ्फरपुर तथा इसके आसपास के जिलों में इस साल एईएस बीमारी से 160 से अधिक बच्चों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों बच्चों पीड़ित हुए थे। यह बीमारी आम तौर पर गर्मी के मौसम में होती है। बीमारी से पीड़ित अधिकांश बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के होते हैं।
--आईएएनएस
Created On :   7 Sep 2019 12:00 PM GMT