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Nagpur News: अधिनियम में होगा संशोधन, राज्य की 4 यूनिवर्सिटीज में नई शिक्षा नीति की कवायद तेज

- समिति गठित, नागपुर के डॉ. रविशंकर मोर शामिल
- अधिनियम में होने जा रहा है संशोधन
Nagpur News. महाराष्ट्र के चार विश्वविद्यालयों के अधिनियम में संशोधन के लिए राज्य सरकार के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्कूल ऑफ लॉ के संचालक डॉ. रविशंकर मोर को शामिल किया गया है। उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में हाल ही में एक शासकीय आदेश जारी किया गया है।
समिति को यह जिम्मेदारी
कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय नाशिक, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर तकनीकी विश्वविद्यालय लोणेरे और सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय पुणे के अधिनियम में संशोधन के लिए इस समिति का गठन किया गया है। महाराष्ट्र में कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 1997, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम 1989, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर तकनीकी विश्वविद्यालय लोणेरे रायगड अधिनियम 2014 और सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय पुणे अधिनियम 2022 लागू किए गए हैं। इन अधिनियमों में संशोधन करने यह समिति गठित की गई है। समिति को तीन महीने के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। डॉ. रविशंकर मोर के समिति में चयन पर नागपुर विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे, प्रभारी प्र-कुलगुरु डॉ. सुभाष कोंडावार, कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे ने उन्हें बधाई दी है।
शिक्षा नीति के अनुरूप संशोधन
राज्य के गैर-कृषि विश्वविद्यालयों, स्वायत्त महाविद्यालयों और संलग्नित महाविद्यालयों में पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से शुरू किया गया है। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से संलग्नित महाविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए इसका कार्यान्वयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप और शैक्षणिक क्षेत्र में होने वाले बदलावों के अनुसार उपरोक्त अधिनियमों में आवश्यक संशोधन के लिए सरकार ने इस उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
समिति के अध्यक्ष और सदस्य
समिति के अध्यक्ष जलगांव के एम.जे. कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अनिल राव हैं। वहीं समिति के सदस्यों में बृहन्महाराष्ट्र वाणिज्य महाविद्यालय पुणे के डॉ. प्रशांत साठे, नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्कूल ऑफ लॉ के संचालक डॉ. रविशंकर मोर, एसजीजीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी नांदेड़ के पूर्व संचालक प्रो. वाय. वी. जोशी, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग यवतमाल के पूर्व प्राचार्य प्रो. पी. एम. खोडके, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की वरिष्ठ कानून अधिकारी डॉ. परवीन सय्यद, और यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय नासिक के कुलसचिव दिलीप भरड सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
समिति का कार्यक्षेत्र
मौजूदा अधिनियम की सभी धाराओं का अध्ययन करना तथा अधिनियम में किए जाने वाले संशोधन का सुझाव देना।
संशोधन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ सुसंगत होने चाहिए।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए उपायों और अधिनियमों का विचार करते हुए प्रस्तावित संशोधन स्पष्ट और संक्षिप्त होने चाहिए।
समिति को संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ चर्चा और विचार-विमर्श कर उनकी सलाह लेनी होगी।
समिति को व्यवहार्य, वस्तुनिष्ठ और लागू करने योग्य सिफारिशें प्रस्तुत करनी होंगी।
Created On :   14 July 2025 5:33 PM IST