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Nagpur News: जनसुरक्षा कानून से अर्बन नक्सल पर होगा नियंत्रण, विधेयक पढ़ेंगे तो विरोध नहीं करेंगे

- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का जनसुरक्षा कानून पर बयान
- जनसुरक्षा कानून से अर्बन नक्सल पर होगा नियंत्रण
- विधेयक पढ़ेंगे तो विरोध नहीं करेंगे
Nagpur News. जनसुरक्षा विधेयक को लेकर विरोध को माओवाद का समर्थन ठहराते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि जनसुरक्षा कानून से अर्बन नक्सल पर नियंत्रण होगा। जिन लोगों ने जनसुरक्षा विधेयक को पढ़ा नहीं है वे ही इसका विराेध कर सकते हैं। विधेयक को पढ़नेवाले जनसुरक्षा कानून का विरोध नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनसुरक्षा कानून पहला कानून होगा जिसमें किसी संगठन पर पहले प्रतिबंध लगेगा फिर किसी व्यक्ति पर कार्रवाई होगी। रविवार को मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा की।
आंदोलन का अधिकार कायम रहेगा
जनसुरक्षा कानून को लेकर कई भ्रम फैलाये जा रहे हैं। लेकिन यह कानून संवैधानिक अधिकार का हनन नहीं करेगा। इस कानून से किसी का आंदोलन का अधिकार नहीं छिना जाएगा। किसी को सरकार के विरोध में बोलने व लिखने से नहीं रोका जा सकेगा। सरकार के विरोध में अभिव्यक्ति का अधिकार कायम रहेगा। यह एकमेव कानून होगा जिसमें संगठन पर प्रतिबंध करने के बाद व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकेगी। व्यक्ति को गिरफ्तार करना हो तो कानूनी तौर पर गठित मंडल से अनुमति लेनी पड़ेगी। गिरफ्तार आरोपी पर कार्रवाई के दौरान न्यायालय में जाने का समय दिया जाएगा। जनसुरक्षा विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए सर्वदलीय जनप्रतिनिधियों का मत लिया गया। 25 सर्वदलीय नेताओं की समिति ने कानून को लेकर चर्चा की। जनसामान्य से 1200 सूचना व सुझाव लिए गए। सुझाव के अनुरुप ड्राफ्ट में आवश्यक बदलाव किया गया। समिति ने एकमत से रिपोर्ट दी। विधानमंडल के दोनों सभागृह में यह विधेयक चर्चा के बाद मंजूर किया गया है।
संस्था में माओवादी की जानकारी ली जा सकेगी
मुख्यमंत्री ने कहा-माओवादी घुसपैठ के नये तंत्र को समझना होगा। कुछ वर्षों में शहरी माओवाद को रणनीतिक रूप से बढ़ावा दिया गया है। जब यह महसूस किया गया कि वनवासी कैडर कमज़ोर हो रहे हैं, तो माओवादियों ने शैक्षणिक संस्थाआें, विश्वविद्यालयों और विभिन्न संगठनों में घुसपैठ करने के लिए एक रणनीतिक बदलाव किया। उनका उद्देश्य धीरे-धीरे संवैधानिक व्यवस्था को कमज़ोर करना और अराजकता का राज स्थापित करना है। यह एक सुनियोजित माओवादी रणनीति है और इसके लिए उन्होंने एक शहरी कैडर विकसित किया है। नये कानून से यह जानकारी ली जा सकेगी कि किस संस्था में माओवादी घुसे हैं। माओवादी पर कार्रवाई की जा सकेगी।
Created On :   13 July 2025 9:15 PM IST