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Nagpur News: मृतक को फिर जिंदा दिखाया, वाड़ी नगर परिषद में दूसरी घटना का खुलासा

- नगर परिषद की प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर सामने आई
- मृतक को फिर जिंदा दिखाया
Nagpur News. वाड़ी नगर परिषद की प्रशासनिक लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। मृत व्यक्ति के नाम पर निवास प्रमाण-पत्र जारी करने का दूसरा मामला उजागर हुआ है। इससे पहले भी मृत घोषित व्यक्ति को ‘जिंदा’ बताकर रेसिडेन्सी सर्टिफिकेट (निवास प्रमाणपत्र) जारी किया गया था।
पहला मामला
आंबेडकर नगर निवासी पुंडलिक बाजीराव मलग्राम का निधन 12 जून 2021 को हो चुका था। बावजूद इसके, वाड़ी नगर परिषद ने उनके नाम पर 9 जुलाई 2024 को निवास प्रमाणपत्र जारी किया।
दूसरा मामला
महानगरपालिका हद के टेकड़ी वाड़ी कॉर्पोरेशन निवासी कुणाल महादेव ठाकरे (37) का निधन 15 अक्टूबर 2021 को हुआ। उनकी मृत्यु की एंट्री नागपुर महानगरपालिका के हनुमाननगर जोन 3 में दर्ज है। बावजूद इसके, वाड़ी नगर परिषद ने 26 जुलाई 2024 को उनके नाम पर रेसिडेन्सी सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इस दस्तावेज पर वाड़ी नगर परिषद के लिपिक की आधिकारिक मुहर और हस्ताक्षर मौजूद हैं। यह प्रमाणपत्र किसने, किस उद्देश्य से बनवाया, इस पर संदेह गहरा गया है। संबंधित अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। आर्थिक घोटाले की आशंका भी जताई जा रही है।
जिम्मेदारी किसकी?
यह प्रमाणपत्र उस वक्त जारी हुआ जब तत्कालीन मुख्याधिकारी विजय देशमुख कार्यरत थे, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी उपमुख्याधिकारी पर डाल दी है। वर्तमान मुख्याधिकारी ऋचा धाबर्डे का कहना है कि यदि शिकायत प्राप्त होती है और उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलता है, तो जांच समिति गठित कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल 2025 से सभी प्रमाणपत्रों की ऑफलाइन प्रक्रिया बंद कर दी गई है, और अब केवल ऑनलाइन आवेदन ही मान्य हैं। जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
और कितने कारनामे
इस मामले को लेकर शरद इंगले ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि अगर मृत व्यक्ति के नाम पर भी प्रमाणपत्र जारी हो सकता है, तो वाड़ी नगर परिषद ने अब तक और कितने फर्जी दस्तावेज जारी किए होंगे?
Created On :   13 July 2025 8:06 PM IST