Nagpur News: कम पड़ गईं पाठ्यपुस्तकें, हजारों छात्र परेशान - 11 हजार किताबों की जरूरत

कम पड़ गईं पाठ्यपुस्तकें, हजारों छात्र परेशान - 11 हजार किताबों की जरूरत
  • साढ़े 11 हजार किताबों की भेजी डिमांड
  • विद्यार्थी संख्या बढ़ने का दावा

Nagpur News. विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण का शिक्षा विभाग का गणित गड़बड़ा गया। सरकारी दावे के अनुसार, स्कूल खुलने पर पहले ही दिन सभी विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक मिलने थे। शिक्षा विभाग का नियोजन चूक जाने से हजारों विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकों से वंचित रह गए। जिले में साढ़े ग्यारह हजार पुस्तकें कम पड़ने की जानकारी है। जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने पुस्तकों की डिमांड वरिष्ठ स्तर पर भेज दी है।

विद्यार्थी संख्या बढ़ने का दावा

पुस्तकें कम पड़ने पर शिक्षा विभाग विद्यार्थी संख्या बढ़ने का दावा कर रहा है। शैक्षणिक सत्र 2023-2024 की विद्यार्थी संख्या के आधार पर पुस्तकों की डिमांड की गई थी। जितनी डिमांड भेजी गई, उतने पुस्तक उपलब्ध हुए। विद्यार्थियों काे पुस्तकों का वितरण किया गया। पुस्तकें कम पड़ जाने से हजारों विद्यार्थी पुस्तकों से वंचित रह गए।

नि:शुल्क पुस्तक वितरण

सरकारी, स्थानीय निकाय संचालित तथा अनुदानित स्कूलों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक दिए जाते हैं। पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना के लाभार्थी हैं। समग्र शिक्षा विभाग के माध्यम से विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती है। दूसरीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों काे स्टेट बोर्ड पाठ्यक्रम के पुस्तक उपलब्ध कराए गए। नई शिक्षा नीति अनुसार पहली कक्षा को सीबीएसई बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू किए जाने से सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम की पुस्तकें दी गई।

हर साल यही गलती

शालेय पुस्तकें कम पड़ना कोई नई बात नहीं है। हर साल पुस्तकें कम पड़ती है। शिक्षा विभाग का एक ही रटा-रटाया जवाब रहता है, विद्यार्थी संख्या बढ़ गई, इसलिए पुस्तक कम पड़ गए, जबकि हर साल जिप तथा अनुदानित स्कूलों की विद्यार्थी संख्या घट रही है। विद्यार्थी नहीं मिलने पर स्कूल बंद पड़ रहे हैं, या शिक्षक अतिरिक्त ठहराए जा रहे हैं। पुस्तकें कम पड़ने पर शिक्षा विभाग विद्यार्थी संख्या बढ़ने का बहाना बनाकर जिम्मेदारी झटक देता है।

Created On :   14 July 2025 4:57 PM IST

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