'शादी का मतलब ये नहीं कि सेक्स करने का कानूनी अधिकार मिल गया'

Delhi Family Court said Marriage is not a contract for legal Sex
'शादी का मतलब ये नहीं कि सेक्स करने का कानूनी अधिकार मिल गया'
'शादी का मतलब ये नहीं कि सेक्स करने का कानूनी अधिकार मिल गया'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट ने शादी के बाद पत्नी पर हो रही यौन हिंसा पर एक अहम फैसला देते हुए कहा कि शादी का मतलब सेक्स करने का कानूनी अधिकार नहीं है। दरअसल, एक पति ने कोर्ट में डायवोर्स पिटीशन फाइल की थी, जिस पर फैमिली कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि "भले ही हमारे देश में मैरिटल रेप (वैवाहिक बलात्कार) को अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन शादी के बाद पत्नी को दी गई मानसिक प्रताड़ना और उसके साथ की गई यौन हिंसा, पत्नी को संविधान के तहत मिले जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है।"


शादी का मतलब सिर्फ सेक्स नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने पति की डायवोर्स पिटीशन को खारिज करते हुए कहा कि "पति अपनी पत्नी के साथ किए गए यौन हिंसा और घरेलू हिंसा को सही नहीं ठहरा सकता है। हमारे देश में मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना गया है, लेकिन शादी के बाद पत्नी के साथ यौन हिंसा करना या उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, पत्नी के जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है, जो उसे संविधान के तहत मिला है।" कोर्ट ने कहा कि "सेक्स कानूनी शादी का एक अहम हिस्सा है और कहा भी जाता है कि बिना सेक्स के शादी एक अभिशाप है, लेकिन फिर भी शादी सेक्स करने का कोई कानूनी एग्रीमेंट नहीं है।"

जबरन पत्नी के साथ सेक्स नहीं कर सकता

अपने फैसले में कोर्ट ने आगे कहा कि "शादी का मतलब ये नहीं है कि पति को पत्नी की अनुमति या सहमति के बिना सेक्स करने की आजादी मिल गई है और न ही ये इस बात की अनुमति देता है कि पति पत्नी के ऊपर हावी रहे और उस पर अपनी मनमर्जी करे।" जज धर्मेश शर्मा ने आगे कहा कि "शादी के बाद भी पति अपनी पत्नी के साथ इस तरह से सेक्स नहीं कर सकता कि उसकी पत्नी को शारीरिक या मानसिक तौर पर अनकंफर्टेबल फील हो।"

पति-पत्नी ने क्या लगाए थे आरोप? 

शादी के 16 साल बाद दिल्ली की कोर्ट में डायवोर्स पिटीशन ये कहते हुए फाइल की थी कि उसकी पत्नी उसके और उसके परिवार के साथ खराब व्यवहार करती है और बच्चों का ख्याल भी नहीं रखती है। इस पर पत्नी ने जवाब में कहा था कि उसका पति उसके साथ मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी खराब बिहेव करता है। पत्नी का ये भी कहना था कि उसका पति डिस्टोर्टेड मेंटलिटी (विकृत मानसिकता) का है और उसके साथ जबरन अननेचुरल और ओरल सेक्स करता था और अगर सेक्स करने से मना किया जाए तो वो उसे मारता-पीटता था।

मैरिटल रेप पर चल रही है बहस 

मैरिटल रेप को अपराध बनाने के लिए एनजीओ RIT फाउंडेशन और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेंस एसोसिएशन की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में एक पिटीशन फाइल की गई है। इस पिटीशन में कहा गया है कि "पाकिस्तान और भूटान में मैरिटल रेप को अपराध माना गया है और श्रीलंका में इसकी तैयारी की जा रही है तो भारत में भी इसको अपराध के दायरे में लाया जाना चाहिए। देशभर में हर साल करीब 2 करोड़ महिलाएं मैरिटल रेप का शिकार होती हैं।" इस पर दिल्ली हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच सुनवाई कर रही है। वहीं केंद्र सरकार का इस मसले पर कहना है कि अगर मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाया जाता है तो इससे पतियों को प्रताड़ित किया जा सकता है।

क्या होता है रेप? 

इंडियन पेनल कोड (IPC) के सेक्शन-375 में "रेप" को परिभाषित किया गया है। सेक्शन-375 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ इन 6 हालातों में सेक्स करता है, तो वो रेप कहलाएगा। 

1. महिला की सहमति के खिलाफ

2. महिला की मर्जी के बिना

3. महिला की मर्जी से, लेकिन ये सहमति उसे मौत या नुकसान पहुंचाने या उसके किसी करीबी व्यक्ति के साथ ऐसा करने का डर दिखाकर ली गई हो।

4. महिला को शादी का झांसा देकर, उससे सहमति ली गई हो।

5. महिला की मर्जी से, लेकिन ये सहमति देते वक्त महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं हो या उसको नशीली चीज खिलाई गई हो।

6. महिला की उम्र अगर 16 साल से कम हो तो उसकी मर्जी से या उसकी सहमति के बिना किया गया सेक्स रेप कहलाएगा। 

नोट : हालांकि, अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम हो तो पति का उसके साथ सेक्स करना रेप नहीं है।

क्या होता है मैरिटल रेप? 

भारत के संविधान के मुताबिक, मैरिटल रेप कोई क्राइम नहीं है। अगर कोई पति शादी के बाद अपनी पत्नी से उसकी मर्जी के बिना सेक्शुअल रिलेशन बनाता है, तो वो मैरिटल रेप के अंतर्गत आएगा, लेकिन इसके लिए संविधान में कोई सजा का प्रावधान नहीं है। सेक्शन-376 में पतियों को रेप करने पर सजा का प्रावधान है, लेकिन उसके लिए पत्नी की उम्र 12 साल से कम होनी चाहिए। सेक्शन-376 के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ पति रेप करता है, तो उसको 2 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों लगाया जा सकता है।

हिंदू मैरिज एक्ट में "सेक्स" जरूरी? 

वहीं हिंदू मैरिज एक्ट में पति और पत्नी के लिए कुछ जिम्मेदारियों और अधिकार दिए गए हैं। इसमें सेक्स करने का अधिकार भी शामिल है। हिंदू मैरिज एक्ट के मुताबिक, सेक्स के लिए इनकार करना क्रूरता है और इस आधार पर तलाक तक मांगा जा सकता है। 

Created On :   27 Feb 2018 4:51 AM GMT

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