नाग पेड़ करता है इस झील की रक्षा, इसके नीचे है अरबों का खजाना

नाग पेड़ करता है इस झील की रक्षा, इसके नीचे है अरबों का खजाना

डिजिटल डेस्क, हिमाचल प्रदेश। बीते दिनों हमने आपको ऐसी नदी के बारे में बताया जो सोना उगलती है और इसी सोने से हजारों परिवार पलते हैं। यहां आसपास रहने वालों का रोजगार भी नदी से सोना निकालना ही है। यहां हम बात कर हरे हैं हिमाचल प्रदेश की कमरुनाग झील की। 

सिर्फ पैसे ही नही, सोने-चांदी के गहने भी डालते हैं
यहां एक मंदिर स्थापित है जहां गर्मी के दिनों में बाबा कमरुनाग सबको दर्शन देते हैं। इन्हें घाटी का सबसे बड़ा देवता माना जाता है। यहां पहुंचने का रास्ता कठिन है जो जंगलों और पहाड़ों से होकर जाता है। मंदिर के पास ही बनी है कमरुनाग झील यहां लोग सिर्फ पैसे ही नही, सोने-चांदी के गहने भी डालते हैं। यह सिलसिला सदियों पुराना है। 

महाभारत में मिलता है कमरुनाग का उल्लेख
ये परंपरा कब शुरू हुई कोई नही जानता, लेकिन माना जाता है कि झील के गर्त में अरबों का खजाना दबा पड़ा है। यहां लोहड़ी पर विशाला पूजन का आयोजन होता है। कमरुनाग का उल्लेख महाभारत में मिलता है। कहा जाता है कि इनका सिर हिमाचाल की पहाड़ी पर भगवान श्रीकृष्ण ने स्थापित किया था। जिस ओर इनका सिर मुड़ता युद्ध में उसी ओर की सेना जीतने लगती, इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने उनका सिर पांडवों की ओर कर पत्थर से बांध दिया। भीम ने उन्हें ही पानी पिलाने के लिए यहां झील बनाई थी। यह वही झील है। यह सीधे पाताल तक जाती है। 

Image result for kamrunag lake story

नाग के समान दिखने वाला पेड़ 
सर्दी के दिनों में ये बर्फ से ढंकी होती है। यहां कोई पुजारी नही रहता। गहना-पैसा चढ़ाना लोगों की मन्नत से जुड़ा हुआ है। इस पहाड़ के चारों ओर एक नाग के समान दिखने वाला पेड़ है कहा जाता है कि यदि कोई इस झील की ओर खजाना निकालने बढ़ता है तो वह नाग के रूप में आ जाता है।

Created On :   8 Dec 2017 6:00 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story