पाकिस्तान संतो का देश, पश्चिमी मीडिया दिखाता है गलत तस्वीर : पाक पीएम अब्बासी

Pak PM Shahid Khakan Abbasi Says, Pakistan is a country of saints
पाकिस्तान संतो का देश, पश्चिमी मीडिया दिखाता है गलत तस्वीर : पाक पीएम अब्बासी
पाकिस्तान संतो का देश, पश्चिमी मीडिया दिखाता है गलत तस्वीर : पाक पीएम अब्बासी

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने अपने देश को आतंकवादियों का देश कहने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का नहीं, संतों का देश है। एक कार्यक्रम में पश्चिमी मीडिया पर पाकिस्तान की गलत छवि पेश करने का आरोप लगाते हुए अब्बासी ने यह बातें कही। उनका यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है जिनमें कहा जा रहा है कि आतंकी फंडिग पर नजर रखने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आतंकी संगठनों पर कार्रवाई न करने के चलते इस वैश्विक संस्था ने पाक के खिलाफ यह कदम उठाया है। बता दें कि  ग्रे लिस्ट में आने का मतलब है कि अब पाकिस्तान में विदेशी निवेश ला पाना बेहद मुश्किल होगा। अन्य देश अब वहां निवेश करने से बचेंगे।

गलत छवि पेश करता है पश्चिमी मीडिया

लाहौर साहित्यिक उत्सव के सिलसिले में गवर्नर हाउस में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पाक प्रधानमंत्री ने कहा, "पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान को बदनाम कर रखा है जबकि यहां की सांस्कृतिक धरोहर और संतों की शिक्षा देश की सच्ची सूरत है।" उन्होंने कहा, "लाहौर साहित्यिक उत्सव के बाद मैं उम्मीद करता हूं कि विभिन्न देशों से आने वाले शिष्टमंडल हमारे यहां से प्रेम का संदेश ले जाएंगे और दुनिया को पाकिस्तान की अच्छी छवि बताएंगे।" बता दें कि साहित्यिक उत्सव में कई जानेमाने लेखक, विद्वान, विचारक और विदेशी मेहमान शामिल हुए हैं।

"ग्रे लिस्ट" में पाक

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रहे पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का यह प्रस्ताव अमेरिका लाया। इस प्रस्ताव का ब्रिटेन, फ्रांस और भारत समेत 36 देशों ने समर्थन किया। 37 सदस्य देशों के इस संगठन में एकमात्र तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया। शुरुआत में सऊदी अरब और चीन भी पाकिस्तान के समर्थन में खड़े थे हालांकि बाद में पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन और सऊदी अरब ने ऐन वक्त पर उसका साथ छोड़ते हुए प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां वापस ले लीं।

गौरतलब है कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराए जाने के चलते अमेरिका से कई बार फटकार पड़ चुकी है। यूएन से भी पाकिस्तान को इस सम्बंध में चेतावनियां दी जाती रही है। भारत भी अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान में पनप रहे आतंक का मुद्दा उठाता रहा है। बावजूद इन सबके पाकिस्तान में अब तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। एफएटीएफ ने भी पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने के लिए तीन महीने का समय दिया था लेकिन वह विफल रहा। इन्हीं कारणों के चलते अंतरराष्ट्रीय संस्था ने यह कदम उठाया है।
 

Created On :   24 Feb 2018 12:32 PM GMT

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