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क्यों नहीं कर रहे स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण - शासन, शिक्षा विभाग, कलेक्टर, डीईओ को नोटिस
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर और डीईओ सीहोर को नोटिस जारी कर पूछा है कि आष्टा के स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। आष्टा सीहोर के सागर वैली पब्लिक स्कूल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि जिला शिक्षा अधिकारी सीहोर ने निरीक्षण के बाद उनके स्कूल को वर्ष 2013 से 2016 और उसके बाद 2016 से 2019 तक मान्यता प्रदान की थी। वर्ष 2019 में स्कूल की मान्यता के नवीनीकरण का आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसका कारण कुछ सुविधाओं की कमी बताया गया। इस आदेश के खिलाफ सीहोर कलेक्टर के समक्ष अपील की गई, लेकिन कलेक्टर ने भी अपील निरस्त कर दी। अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि स्कूल में मान्यता संबंधी सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद है। यदि मान्यता का नवीनीकरण नहीं किया गया तो सैकड़ों बच्चों का भविष्य संकट में फंस जाएगा। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
सागर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक हाईकोर्ट में तलब
हाईकोर्ट ने बीएड और डीएड प्रवेश को लेकर दायर याचिका पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर के रजिस्ट्रार आरएम जोशी और परीक्षा नियंत्रक सुबोध जैन को 21 अगस्त को तलब किया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता और अनावेदकों की सुनवाई के बाद दिया है। हाईकोर्ट ने 26 नवंबर 2018 को आदेश दिया था कि राष्ट्रीय शिक्षा अध्यापक परिषद दिल्ली और राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के तहत ही बीएड और डीएड में प्रवेश दिया जाए। उच्च शिक्षा विभाग ने बीएड और डीएड में प्रवेश के लिए एमपी ऑनलाइन की मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया बनाई है।
Created On :   17 Aug 2019 8:34 AM GMT