सतना मर्डर कांड: लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

satna murder case: four careless policeman suspended
सतना मर्डर कांड: लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
सतना मर्डर कांड: लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
हाईलाइट
  • चार पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
  • बच्चों के पिता का कहना
  • नहीं हुआ पूरा खुलासा
  • बच्चों के पिता ने की सीबीआई जांच की मांग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना जिले के 2 जुड़वा बच्चों की हत्या के मामले में 4 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। सभी पर अपने काम में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। मृतक बच्चों श्रेयांश और प्रियांश के पिता ब्रजेश रावत के मुताबिक, उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।

तेल कारोबारी ब्रजेश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय दिलाने की मांग की है। बच्चों के पिता का कहना है कि अभी घटना का पूरा खुलासा नहीं हुआ है, कई ऐसे आरोपी जिन पर राजनीतिक दलों का हाथ है, वो गिरफ्त से बाहर हैं। ब्रजेश ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

ब्रजेश ने आरोपियों को मध्य प्रदेश पुलिस सरंक्षण होने का आरोप लगाया। बता दें कि दोनों भाईयों का अपहरण 13 दिन पहले चित्रकूट से हुआ था। रविवार सुबह दोनों के शव उत्तरप्रदेश में बांदा के बेबेरू क्षेत्र में एक नदी के पास मिले। बताया जा रहा है कि अपरहणकर्ताओं को 20 लाख रुपए की फिरौती भी दी जा चुकी थी। इस पूरे मामले में आरोपियों की तलाश करने वाली एमपी-यूपी पुलिस की 26 और एसटीएफ की एक टीम फेल साबित हुई। फिलहाल शवों को पुलिस ने बरामद कर लिया है।


बच्चों को ऐसे किया किडनैप
किडनैपर्स ने पुलिस को बताया कि हम लोगों ने 10 दिन तक रावत परिवार के प्रत्येक सदस्य और बच्चों की रेकी की। उनके स्कूल से आने-जाने पर हमारी नजर रहती थी। हमने बस नम्बर को भी नोट कर लिया था। स्कूल परिसर में सुरक्षित जगह और भागने के रास्ते का कई बार चक्कर लगाया, उसके बाद 11 फरवरी को बच्चों को किडनैप करने का प्लान बनाया, लेकिन उस दिन हमारी किस्मत ने साथ नहीं दिया। दअरसल 18 नंबर की जिस स्कूल बस में श्रेयांश और प्रियांश सवार थे उसके साथ दो और बसें भी चल रही थीं। लिहाजा हमनें प्लान बदल दिया। 12 फरवरी को फिर से स्कूल की छुट़्टी के बाद बस के निकलने के समय पर हम वहां पहुंच गए और जब बस कॉलोनी के बच्चों को उतारकर आगे बढ़ी तो हमनें बस ड्रायवर को पिस्टल दिखाकर बस को रोक लिया और उसमें चढ़कर पिस्टल के दम पर दोनों बच्चों को किडनैप कर लिया। 

दो दिन एमपी में रखा फिर यूपी ले गए
किडनैपर्स ने रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर को बताया कि "उन्होंने पहले बच्चों को आरोपी लकी के चित्रकूट स्थित किराये के घर में दो दिन के लिए रखा था। यह किराये का कमरा एक सुनसान जगह पर था और आरोपी कमरे के बाहर ताला लगवाकर खुद को अंदर बंद रखते थे ताकि किसी को यहां छिपे होने का संदेह न हो। बाद में वे जुड़वा भाइयों को यूपी के बांदा के अटर्रा में एक दूसरे किराये के घर में ले गए थे, जहां उन्होंने हत्या से पहले तक बच्चों को छिपाए रखा था। आईजी ने यह भी बताया कि गैंग के सदस्य काफी होशियार थे। फिरौती मांगने के लिए अपने सेलफोन का इस्तेमाल नहीं करते थे बल्कि अजनबियों और राहगीरों से अर्जेंट कॉल की बात कहकर फोन मांगते थे और तब कॉल करते थे। आईजी ने बताया कि टेक सेवी इंजीनियरिंग स्टूडेंट स्पूफिंग ऐप के जरिए नंबर छिपाते थे। 
 

Created On :   25 Feb 2019 7:02 PM GMT

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