स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल बन रहा किशोरों में सुसाइड की वजह

Suicide region in teenagers becoming more used to smartphones
स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल बन रहा किशोरों में सुसाइड की वजह
स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल बन रहा किशोरों में सुसाइड की वजह

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक में स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा ही बढ़ रहा है। एक रिसर्च में सामने आया है कि कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के अधिक इस्तेमाल से किशोरों में आत्महत्या करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि फोन और कंप्यूटर का ज्यादा उपयोग सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। देखने में आ रहा है कि इन आधुनिक सामानों के अधिक इस्तेमाल से लोगों में इनकी लत लग रही है। बिना स्मार्टफोन आज का युवा न तो चल पा रहा है, न कोई काम कर पा रहा है। रिसर्चर का कहना है कि सीमित उपयोग किया जाए तो स्मार्ट फोन नुकसानदाई नहीं हैं, लेकिन हद से अधिक स्मार्ट फोन पर समय देना घातक है।

 

स्मार्ट फोन इंसान की आंखों के लिए और और उनकी सोशल लाइफ के लिए खतरनाक होता है। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि विशेषकर लड़कियों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृति का खतरा इससे बढ़ रहा है। बता दें कि इस रिसर्च में पांच लाख से ज्यादा युवक-युवतियों को शामिल किया गया था। इस रिसर्च में प्रश्नावली पद्धति के जरिए आंकड़ा इकट्ठा किया गया। अमेरिका की सैन डीएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के जीन त्वेंग ने कहा, किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इन मुद्दों का बढ़ना बेहद खतरनाक है। 

 

रिसर्च में पाया गया कि 13 से 18 साल की लड़कियों में आत्महत्या की दर 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यह आंकड़ा 2010 से 2015 तक का है। रिसर्चरों ने कहा कि प्रतिदिन 5 घंटे या उससे ज्यादा का समय किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर बिताने 48 प्रतिशत बच्चों ने आत्महत्या करने की कोशिश की। बता दें कि यह रिसर्च क्लिनिकल साइकॉलजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुई है। त्वेंग ने कहा, ज्यादातर बच्चे फोन या कंप्यूटर के सहारे ही आजकल खाली समय काट रहे हैं।  
 

Created On :   16 Nov 2017 9:31 AM GMT

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