राजस्थान: सांभर झील बनी कब्रगाह ! महज 11 दिन में 18,059 विदेशी पक्षियों की मौत

राजस्थान: सांभर झील बनी कब्रगाह ! महज 11 दिन में 18,059 विदेशी पक्षियों की मौत

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में देश की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी हुई है। मंगलवार तक 11 दिन में महज 18,059 विदेशी पक्षियों की मौत हो चुकी है। 500 बीमार पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर भेजा गया। लेकिन, मौत का कारण किसी को नहीं पता। पक्षियों के सैंपल मध्य प्रदेश समेत चार राज्यों को भेजे गए हैं। जयपुर के पास 90 वर्ग किमी में फैली सांभर झील में पक्षियों के शव मिले हैं। नमक के लिए मशहूर सांभर की यह झील खारे पानी की देश की सबसे बड़ी झील है। राजस्थान के पूर्व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन आरएन मेहरोत्रा ने कहा है कि देश में अभी तक कहीं भी इतनी तादाद में विदेशी पक्षियों की मौत नहीं हुई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि मरने वाले पक्षियों का आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच सकता है। 

जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि पक्षियों की मौत शायद बोटुलिज्म के कारण हुई है। बोटुलिज्म का अर्थ है, मृत पक्षियों के जीवाणुओं से पक्षियों में पनपी अपंगता। मुख्य वन्यजीव संरक्षक अरिंदम तोमर ने सोमवार को बताया कि मृत पक्षियों की संख्या में वृद्धि हुई है और 10 नवंबर से यह संख्या लगभग 17,000 तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि मृत पक्षियों के कंकालों को नष्ट कर दिया गया है। जयपुर में अबतक 8500 पक्षियों की मौत हो चुकी है। कुछ विशेषज्ञों इन मौतों के पीछे दूषित पानी को जिम्मेदार माना था। वहीं, एक शुरुआती ने पक्षियों की मौत के पीछे बोटुलिज़्म को जिम्मेदार मानने के संकेत दिए हैं। बोटुलिज़्म (Botulism) विषाक्तता के रूप में भी जाना जाता है, यह एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है जो एक ‎जीवाणु (क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम) संक्रमण के कारण होती है। जो भोजन के माध्यम से या घावों के माध्यम से ‎होती है। बोटुलिज़्म तीन अलग-अलग रूपों का हो सकता है। 

सीएम ने दिए वेटलैंड प्राधिकरण बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को पक्षियों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि यह दुखद है। सरकार कारणों की जांच में जुटी है। गहलोत ने एक उच्च स्तरीय बैठक में सांभर झील सहित अन्य वेटलैंड के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए राज्य स्तर पर वेटलैंड प्राधिकरण बनाने के निर्देश दिए। 

मरने वाले पक्षी 32 अलग-अलग प्रजातियों के हैं 
साइबेरिया से पक्षी हर साल बर्फीले पहाड़ लांघकर 6 हजार किमी दूर भारत पहुंचते हैं। राजस्थान में मरे पक्षी 32 अलग-अलग प्रजातियों के हैं। ये लगातार मर रहे हैं। 

 

तस्वीरों में देखें कैसे कब्रगाह बनी सांभर झील


 


 

Created On :   20 Nov 2019 2:28 AM GMT

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