लोकसभा चुनाव 2024: दिल्ली और पंजाब के बाद इन राज्यों में पकड़ बनाने की कोशिश में आप, लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए बन सकती है चुनौती

दिल्ली और पंजाब के बाद इन राज्यों में पकड़ बनाने की कोशिश में आप, लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए बन सकती है चुनौती
  • भाजपा के सामने चुनौती प्रस्तुत करेगी आप?
  • दिल्ली और पंजाब में पकड़ बनाने के बाद इन राज्यों पर नजर
  • आम चुनाव में वोट शेयर को कर सकती है प्रभावित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले दिल्ली में सरकार बनाने के बाद धीरे-धीरे पंजाब में भी जड़े जमाना शुरू कर दिया था। इस काम में आम आदमी पार्टी को पूरी तरह सफलता भी मिली। 2017 में पंजाब में महज 20 सीट जीतने में सफलता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी ने 2022 में 92 सीट जीतकर सरकार बनाई। दिल्ली और पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों में भी पकड़ बनाने की कोशिशों में लगी हुई है। अगर अरविंद केजरीवाल की पार्टी आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों में पैर जमा लेती है तो यह देश में नई विपक्षी पार्टी की भूमिका में आ सकती है। इस तरह महज एक दशक पुरानी पार्टी आने वाले दिनों में भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकती है।

दिल्ली- पंजाब के बाद इन राज्यों की बारी

आम आदमी पार्टी सबसे पहले दिल्ली में सत्ता में आई। इसके बाद पार्टी ने पंजाब में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। आप को इसमें कामयाबी भी मिली और दिल्ली की तरह पंजाब में भी पार्टी ने सरकार बनाई। महज एक दशक पुरानी इस पार्टी की नजर अब भाजपा के गढ़ गुजरात और गोवा जैसे राज्यों पर है। धीरे-धीरे पार्टी इन राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

गुजरात में आम आदमी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में पांच सीट और करीब 13 फीसदी वोट शेयर पर कब्जा किया। इसके अलावा गोवा में भी 2022 के विधानसभा चुनाव में 2 सीटों पर जीत मिली। पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की रणनीति को देखें तो छोटी जीत हासिल करने के बाद पार्टी ने इन राज्यों में अपनी स्थिति जमीनी तौर पर मजबूत करते हुए आगे जाकर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल करें। इस लिहाज से देखें तो पार्टी भले ही आगामी चुनावों में सरकार बना पाने इतनी सीट न जीत पाए लेकिन, भाजपा के सामने मजबूत चुनौती पेश कर सकती है।

लोकसभा चुनाव में आप

आम आदमी पार्टी को किसान आंदोलन का फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में पंजाब के अलावा हरियाणा में भी मिल सकता है। इसके अलावा गुजरात और गोवा विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को आप आगामी लोकसभा चुनाव में जारी रख सकती है। सीटों के लिहाज से पार्टी भाजपा के सामने भले ही बड़ी चुनौती न पेश करे लेकिन, वोट शेयर पर निश्चित रूप से प्रभाव डाल सकती है। हाल ही में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में भी आप ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। पंजाब में 2023 के उपचुनाव में एक सीट जीतकर आप ने अपनी पकड़ का नमूना पेश किया था। इन सभी फैक्टर्स को देखते हुए पार्टी दिल्ली और पंजाब के अलावा गुजरात, गोवा और हरियाणा में भी वोट शेयर का कुछ हिस्सा अपने नाम कर सकती है। सीटों पर ज्यादा प्रभाव भले न पड़े लेकिन, भाजपा के 50 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने के लक्ष्य को चुनौती दे सकती है।

Created On :   15 Feb 2024 12:32 PM GMT

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