केंद्र की नीति पर कांग्रेस का हमला: राहुल गांधी ने मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' इनिशिएटिव पर उठाए सवाल, बीते 10 सालों के आंकड़ों से गिनाया कैसा हुआ फ्लॉप

राहुल गांधी ने मोदी सरकार के मेक इन इंडिया इनिशिएटिव पर उठाए सवाल, बीते 10 सालों के आंकड़ों से गिनाया कैसा हुआ फ्लॉप

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार की मेक इन इंडिया पहल की लेकर कांग्रेस ने हमलावर रुख अपनाया हुआ है। इसे लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा। उन्होंने पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' की पहल की निंदा की है। राहुल गांधी ने कहा कि 2014 में बड़े वादों के साथ शुरू की गई इस योजना से न तो देश में कारखानों की बाढ़ आई, न ही युवाओं को रोजगार मिला। उल्टा, देश की विनिर्माण क्षमता घटकर अब सिर्फ 14% रह गई है और युवाओं में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है।

    राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

    इस संबंध में सोशल मीडिया एक्स पर राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, "मेक इन इंडिया' ने फैक्ट्री बूम का वादा किया था। तो फिर मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड निचले स्तर पर क्यों है? युवाओं की बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है? और चीन से आयात क्यों दोगुना हो गया है? मोदी जी को नारे देने की कला आ गई है, लेकिन समाधान देने में वो फेल हैं।"

    इस दौरान राहुल गांधी ने नई दिल्ली के नेहरू प्लेस में दो युवा शिवम और सैफ से मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों कुशल, प्रतिभाशाली और मेहनती युवा हैं, लेकिन उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का अवसर नहीं मिल पा रहा। राहुल ने कहा, "हम सिर्फ असेंबल करते हैं, बाहर से सामान मंगवाते हैं, लेकिन असली निर्माण नहीं करते। चीन मुनाफा कमा रहा है और हमारे युवा पीछे छूट रहे हैं।"

    केंद्र सरकार की उद्योग नीति पर उठाए सवाल

    इसके अलावा राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की उद्योग नीति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास अब कोई नया विचार नहीं है। राहुल गांधी ने दावा किया कि जिस पीएलआई योजना (Production Linked Incentive) योजना की खूब चर्चा की गई थी, उसे अब धीरे-धीरे चुपचाप खत्म किया जा रहा है। मोदी जी ने अब भारतीय उद्योगों को बढ़ाने की उम्मीद ही छोड़ दी है।

    इतना ही नहीं, बल्कि राहुल गांधी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत अपनी निर्माण क्षमता नहीं बढ़ाता, तो हम केवल दूसरे देशों का बाजार बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत को अब ईमानदार सुधार और वित्तीय समर्थन के साथ एक मूलभूत परिवर्तन की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा, "हमें सिर्फ बाजार नहीं बनना है, बल्कि निर्माता बनना है। अगर हम यहां निर्माण नहीं करेंगे, तो हमेशा उन लोगों से खरीदते रहेंगे जो करते हैं। घड़ी की सुइयां तेजी से चल रही हैं।"

    Created On :   21 Jun 2025 2:54 PM IST

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