Delegation dispute: जब आपको पार्टी के नेताओं पर ही इतना संदेह..तो उन्हें पार्टी में क्यों रखे हैं? डेलिगेशन विवाद पर चिराग पासवान ने विपक्ष पर साधा निशाना

- विदेश जाने वाले सांसदों के डेलिगेशन पर गरमाई सियासत
- चिराग पासवान ने विपक्ष पर साधा निशाना
- राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर राजनीति न करने की हिदायत दी
डिजिटल डेस्क, पटना। केंद्र की मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये सभी दुनिया के प्रमुख देशों और यूएनएससी का दौरा करेंगे। कांग्रेस और टीएमसी ने सरकार के इस फैसले पर अलग-अलग सवाल उठाए हैं। जहां कांग्रेस ने उसके सांसद शशि थरुर का नाम उसकी इजाजत के बगैर इस डेलिगेशन में शामिल करने पर ऐतराज जताया है। तो वहीं टीएमसी ने डेलिगेशन में शामिल अपने सांसद यूसुफ पठान का नाम वापस ले लिया है। पार्टी का कहना है कि विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। इसलिए, केवल केंद्र को ही हमारी विदेश नीति तय करने और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेने देना चाहिए।'
विपक्ष के इस फैसले पर देश की सियासत गरमागई है। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसे लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि राष्ट्रीय विषयों पर जितनी राजनीति करनी है कीजिए, लेकिन ऐसे मुद्दों पर जहां पूरी दुनिया आपको देख रही है, वहां विवाद उचित नहीं है।
तो ऐसे लोगों को पार्टी में रखते ही क्यों हैं?
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि दुनिया में आप भारत की कैसी छवि दे रहे हैं। वैसे इसका कारण समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा, "प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस पार्टी के ही नेताओं के नाम दिए गए हैं। अब कौन कांग्रेस 'में' है और कौन कांग्रेस 'का' है, यह कौन जानता है। जब आपको अपनी ही पार्टी के नेताओं पर इतना संदेह है, तो ऐसे लोगों को पार्टी में रखते ही क्यों हैं? जब अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर इस तरह करेंगे, तो भारत की कैसी छवि आप अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर पेश कर रहे हैं।"
काबिल लोगों को प्रमोट नहीं करता विपक्ष
उन्होंने आगे कहा कि हकीकत यह है कि इन लोगों की अपनी पार्टी में गुट बने हुए हैं। तकलीफ इनको यह है कि जो इनकी गणेश परिक्रमा करते हैं, उनका नाम नहीं दिया जा रहा और ऐसे लोगों का नाम दिया जा रहा है, जो सच में काबिल हैं। ये लोग काबिल लोगों को प्रमोट नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि इनको डर रहता है कि ऐसे लोग उनसे आगे नहीं निकल जाएं। आज की तारीख में जब दुनिया आपको देख रही है, आतंकी मुद्दे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जाना जरूरी है। इस पर राजनीति करना सही नहीं है।
Created On :   20 May 2025 3:21 PM IST