डीके शिवकुमार को लग सकता है तगड़ा झटका! कैबिनेट मंत्री का बड़ा दावा, सिद्धारमैया ही रहेंगे पांच साल तक सीएम

डीके शिवकुमार को लग सकता है तगड़ा झटका! कैबिनेट मंत्री का बड़ा दावा, सिद्धारमैया ही रहेंगे पांच साल तक सीएम
  • एमबी पाटिल का बड़ा दावा
  • कर्नाटक में पांच साल तक चलेगा सिद्धारमैया का राज
  • डीके का क्या होगा स्टैंड?

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में शानदार जीत हासिल कर, कांग्रेस पार्टी सरकार बना चुकी है। लेकिन पार्टी के लिए प्रदेश में नई सरकार का गठन करना काफी माथापच्ची वाला काम रहा है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार में सीएम बनने को लेकर होड़ मची थी। जिसकी वजह से आलाकमान को काफी मशक्कत करनी पड़ी और बीते शनिवार ( 20 मई ) को तमाम उठापटक के बाद नई सरकार का गठन हो गया। जिसमें सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया गया। लेकिन इस फैसले को महज एक फॉर्मले के तौर पर देखा जा रहा था। कहा गया था कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया में सीएम पद के लिए ढाई-ढाई साल का समझौत हुआ है। लेकिन अब इसी मामले में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और कर्नाटक कैबिनेट के मंत्री एमबी पाटिल ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि दोनों नेताओं के बीच सत्ता शेयरिंग को लेकर किसी भी फॉर्मूले पर बात नहीं हुई है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता एमबी पाटिल ने डीके और सिद्धारमैया के सत्ता शेयर पर कहा कि, दोनों वरिष्ठ नेताओं में किसी तरह के कोई फॉर्मूले पर बात नहीं हुई है। अगर ऐसा कुछ होता तो हाईकमान जरूर घोषणा करता। कर्नाटक के पांच साल के दौरान सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री होंगे उनके ही नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सरकार चलाएगी।

नई सरकार बनाने में 7 दिन लग गए

आपको बता दें कि, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस पार्टी के पक्ष में आने के बाद से ही बैठकों का दौर चालू था। बेंगलुरु से लेकर राजधानी तक बैठक पर बैठक हुई। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही सीएम पद को लेकर अड़े हुए थे। जिसकी वजह से पार्टी हाईकमान को काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। 13 मई 2023 के नतीजे आने के बाद पार्टी को कर्नाटक के अगले सीएम की घोषणा करने में 7 दिन लग गए। लेकिन इन सात दिनों में खूब बैठके और बयान बाजी हुई थी।

ढाई-ढाई साल फॉर्मले का क्या होगा?

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही सीएम पद के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से दिल्ली मिलने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने खड़गे और राहुल से बंद कमरे में मुलाकात भी की थी। सूत्रों की मानें को, शीर्ष नेतृत्व सिद्धारमैया को सीएम बनाने के पक्ष में था क्योंकि वो एक बार इस पद पर रहते हुए कार्यभार संभाल चुके थे। जबकि शिवकुमार इस खेल में नए थे। हालांकि, हाईकमान के इस फैसले से डीके सहमत नहीं थे। जिसकी वजह से उनके सामने ढाई-ढाई साल का फॉर्मला रखा गया और नेतृत्व की ओर से कहा गया कि आने वाले ढाई के बाद आप सीएम होंगे। लेकिन इस बात पर भी डीके सहमत नहीं हुए थे लेकिन सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप की वजह से इस फॉर्मूले पर तैयार हो गए थे। अब कर्नाटक कैबिनट के मंत्री एमबी पाटिल का कहना कि किसी तरह के फॉर्मूले पर बात नहीं हुई थी, इस बयान पर डीके समर्थको के बीच 'भूचाल' आ सकता है।

20 मई को हुआ नई सरकार का गठन

कर्नाटक में नई सरकार का गठन 20 मई 2023 को हुआ था। सिद्धारमैया सीएम तो डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इस शपथ समारोह को काफी भव्य बनाया गया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से देश के तमाम प्रमुख पार्टियों को न्योता दिया गया था ताकि इसमें शिरकत कर उसकी शोभा बढ़ाए। जिसमें देश के प्रमुख दलों के मुखिया, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, महबूबा मुफ्ती, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, आरएलडी नेता जयंत चौधरी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जैसे कई वरिष्ठ नेता पहुंचे थे।

कर्नाटक चुनाव के नतीजे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को हुआ था। जिसके नतीजे 13 मई को घोषित किए गए थे। कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की थी। जबकि भाजपा को महज 66 सीटों पर ही जीत मिली थी। वहीं एचडी कुमार स्वामी की पार्टी जेडी(एस) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई और अन्य ने 4 सीटों पर अपना झंडा लहराया था।

Created On :   23 May 2023 3:34 AM GMT

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