बिहार विधानसभा चुनाव 2025: हिसुआ में बीते चुनाव में हुई थी कांग्रेस की वापसी, बीजेपी की बड़ी मुश्किल

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में हिसुआ नवादा जिले में आती है। 1957 में स्थापित हुए हिसुआ विधानसभा क्षेत्र के चुनावी सफर की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी का दबदबा था। 1957 और 1962 में राजकुमारी देवी 1967, 1969 और 1972 में शत्रुघ्न शरण सिंह ने लगातार जीत प्राप्त की। 1977 में पहली बार जनता पार्टी को जीत मिली, उसके बाद 1980, 1985 और 2000 में निर्दलीय प्रत्याशी और 1990, 1995 व 2005 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में आदित्य सिंह ने जीत दर्ज की। वे लगातार छह बार विधायक निर्वाचित हुए। 2005 के अक्टूबर चुनाव में बीजेपी के अनिल सिंह ने उनका अभेद किला ढहा दिया। अनिल सिंह ने लगातार तीन बार चुनाव जीते, 2020 में कांग्रेस ने फिर से वापसी की। हिसुआ की जनता समय समय पर किसी एक राजनीतिक दल के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आपको बता दें हिसुआ भले ही जनरल सीट है,लेकिन 28.07% एससी और 11 फीसदी मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते है। क्षेत्र की 93.36% आबादी ग्रामीण है, जबकि केवल 6.64% शहरी वोटर्स हैं। अबकी चुनाव में यहां कड़ी टक्कर के साथ त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
हिसुआ की स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। इलाके में पारिवारिक उद्योग भी है, लेकिन पर्याप्त रोजगार देने में असमर्थ है। आजीविका की तलाश में क्षेत्र के हजारों लोगों को पलायन कर बिहार से बाहर जाना पड़ता है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।
Created On :   31 Oct 2025 4:10 PM IST












