चुनाव और विज्ञापनी दावे: कर्नाटक हाईकोर्ट से एक मानहानि मामले में डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार को मिली बड़ी राहत

कर्नाटक हाईकोर्ट से एक मानहानि मामले में डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार को मिली बड़ी राहत
  • भ्रष्टाचार दर कार्ड विज्ञापनों को लेकर भाजपा ने दायर किया था आपराधिक मानहानि मामले
  • निचली अदालत की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ले लगाई रोक
  • भाजपा ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह से मनगढ़ंत और काल्पनिक बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायाल ने आज शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए डिप्टी सीएम के खिलाफ प्रदेश की बीजेपी यूनिट की ओर से लगाए गए "भ्रष्टाचार दर कार्ड" विज्ञापनों को लेकर दायर आपराधिक मानहानि केस में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सहआरोपी कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति को भी राहत दी है। आपको बता दें मानहानि के इस केस में केपीसीसी सहआरोपी है। मानहानि का यह मामला तभी सामने आया था, जब। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि इन विज्ञापनों में सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का झूठा आरोप लगाया गया।

शिवकुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के. शशि किरण शेट्टी और अधिवक्ता सूर्य मुकुंदराज ने पक्ष रखा, जबकि केपीसीसी की ओर से अधिवक्ता एस. ए. अहमद और संजय बी. यादव पेश हुए। मामले की 29 जुलाई को फिर से सुनवाई होगी।जहां भाजपा द्वारा शुरू की गई मानहानि कार्यवाही की वैधता पर आगे विचार होगा।

आपको बता दें कांग्रेस पार्टी द्वारा 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले भ्रष्टाचार दर कार्ड शीर्षक से कई विवादास्पद विज्ञापन जारी किए गए थे। बीजेपी ने इन आरोपों को लेकर विज्ञापनों में सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का झूठा आरोप लगाया गया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इन विज्ञापनों को लेकर दावा किया गया था कि स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित और ऑनलाइन प्रचारित विज्ञापनों ने पार्टी की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाया। बीजेपी ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह से मनगढ़ंत और काल्पनिक कल्पना से पैदा होना बताया था।

भाजपा ने कांग्रेस द्वारा तत्कालीन बीजेपी सरकार को 'ट्रबल इंजन सरकार' कहने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। बीजेपी ने इसे 'डबल इंजन सरकार' के उनके प्रचार की छवि बिगाड़ने की सोची-समझी कोशिश बताया है। बीजेपी ने अपनी शिकायत में डी.के. शिवकुमार को, केपीसीसी के अध्यक्ष होने के नाते, और तत्कालीन विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को इन विज्ञापनों को मंजूरी देने के चलते आरोप लगाए गए। बीजेपी ने ये भी दावा किया गया है कि राहुल गांधी ने इन विज्ञापनों को अपने एक्स अकाउंट से साझा कर पार्टी और सरकार की छवि खराब की है। आपको बता दें हाईकोर्ट ने इस साल के शुरुआत महीने जनवरी में राहुल गांधी के खिलाफ इसी केस में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाई थी।

Created On :   4 July 2025 5:25 PM IST

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